नई दिल्ली/गुरुग्राम: भारतीय शास्त्रीय संगीत दुनिया की सबसे प्राचीन संगीत परंपरा में से एक है और अन्य संगीत शैलियों के लिए भी आधार है. वहीं ये परंपरा अब भागती दौड़ती जिंदगी से भुलाई जा रही है. जिसे आगे लाने के लिए गुरुग्राम के एक गायक जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. पंडित गिरीश मिश्रा ने इंडियन क्लासिकल म्यूजिक वर्कशॉप का आयोजन किया.
गुरुग्राम में एक म्यूजिकल वर्कशॉप का आयोजन किया गया. जिसमें इंडियन क्लासिकल म्यूजिक के बारे में जानकारी दी गई. इस वर्कशॉप की खासियत ये थी कि वर्कशॉप में 5 साल के बच्चों से लेकर 70 साल के बुजुर्ग ने हिस्सा लिया था.
क्लासिकल म्यूजिक में बढ़ी युवाओं की दिलचस्पी
इंडियन क्लासिकल म्यूजिक की एक अलग ही पहचान है. भारत में कई दशकों से इंडियन क्लासिक म्यूजिक सुना जाता रहा है. क्लासिकल म्यूजिक सबसे कठिन म्यूजिक की श्रेणी में भी आता है. राग सीखना और पकड़ना बहुत मुश्किल और साधना का काम होता है, लेकिन अब क्लासिकल म्यूजिक को लेकर युवाओं में रुचि बढ़ती दिखाई दे रही है.
बता दें कि पंडित गीतेश मिश्रा ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. मिश्रा ने 2 घंटे और 14 मिनट में 'ख्याल' में 111 शास्त्रीय राग गाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था. बीते जनवरी को नीतीश मिश्रा ने क्लासिकल रिले में गाए जाने वाले सबसे भारतीय शास्त्रीय राग की श्रेणी में विश्व रिकॉर्ड बनाया था. जिसके बाद से गुरुग्राम में क्लासिकल म्यूजिक सीखने के लोगों में रुची जग गई.
गीतिश मिश्रा द्वारा बनाया गए रिकॉर्ड की खासियत यह थी कि उन्होंने ताल के पैटर्न को तोड़े बिना एक राग से दूसरे राग में चले गए. प्रत्येक राग की अनुभूति को भी बनाए रखा. ये केवल तभी संभव है जब किसी गायक के पास अपनी कला पर पूरा नियंत्रण हो.