नई दिल्ली/गुरुग्रामः विधानसभा में ईटीवी भारत की टीम विधायक के कामकाज को परखने के लिए पहुंची थी. इस कार्यक्रम में ईटीवी भारत की टीम विधायक द्वारा 5 साल में कराए गए कामों पर सीधे जनता से सवाल करती है. गुरुग्राम के सिलोखरा गांव में वैसे तो कई बड़ी समस्याएं हैं. जिनके लिए ग्रामीण धरना भी कर चुके हैं लेकिन बड़ी बात ये है कि यहां के लोग अभी भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं.
गांव में घुसते ही गंदगी का अंबार
ग्रामीणों की शिकायत है कि शहर का कचरा यहां लाकर डाला जाता है जिसकी वजह से पूरे गांव में गंदगी है. कचरे से इतनी बदबू आती है कि वहां से निकलना भी दूभर हो जाता है. इसी दुर्गंध की वजह से लोगों को काफी घूमकर आना पड़ता है. इसके अलावा गांव वालों की शिकायत ये भी है कि ये जो कचरा डाला जा रहा है वो ऐसी जगह फेंका जा रहा है जहां लोग आकर बैठते हैं जिन्हें काफी परेशानी होती है.
पीने के पानी की भी किल्लत
ईटीवी भारत की टीम यहां महिलाओं से मिली जिनकी सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है. एक महिला ने बताया कि पिछले दो दिन से पानी नहीं आया है शिकायत करने पर उनसे कहा गया कि पानी पीछे से ही नहीं आया है. उनकी मांग है कि कम से कम पीने के पानी की सुविधा सरकार को करनी चाहिए या विधायक को इस ओर ध्यान देना चाहिए.
गुरुग्राम विधानसभा का राजनीतिक इतिहास
अहीर बेल्ट की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में गुरुग्राम विधानसभा भी एक सीट है. यहां से 2014 में बीजेपी के उमेश अग्रवाल ने बड़ी जीत दर्ज की थी. दिल्ली से सटे होने की वजह से यहां केंद्र में बनी सरकार का भी असर दिखाई दिया.
एक दिलचस्प बात ये है कि यहां से बीजेपी दो ही बार चुनाव जीती है और दोनों ही बार बनिया जाति के उम्मीदवार ने बाजी मारी है. इस बार भी उमेश अग्रवाल ने इनेलो को गोपीचंद गहलोत को बड़े अंतर से हराया था. उमेश अग्रवाल को लगभग 56 फीसदी वोट मिले तो गोपीचंद गहलोत को मात्र 11.59 फीसदी.