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गुरुग्राम: व्यापारियों ने किया चीन का बहिष्कार, चीनी समान के साथ जलाई शी जिनपिंग की तस्वीर

गलवान घाटी में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद चीन के खिलाफ गुरुग्राम में व्यारियों का रोष दिखा. व्यापारियों ने शपथ ली कि अब वो चाइनीज सामान नहीं बेचेंगे.

Furniture traders boycott Chinese goods in Gurugram
व्यापारियों ने किया चीन का बहिष्कार
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Published : Jun 17, 2020, 10:32 PM IST

नई दिल्ली/गुरुग्राम: गलवान घाटी में चीन ने घटिया हरकत करते हुए कायरता का परिचय दिया. चीन ने भारतीय सैनिकों पर धोखे से हमला किया. इस घटना को लेकर चीन के प्रति लोगों में रोष बढ़ गया है. लोग अब चीनी सामानों के बहिष्कार करने की बात कर रहे हैं.

व्यापारियों ने किया चीन का बहिष्कार

भारत के 20 भारतीय सैनिकों की शहादत पर हर भारतीय की आंखें नम है. चाइना की इस कयरतापूर्ण हरकत को लेकर ओल्ड डीएलएफ की फर्नीचर मार्किट के व्यापारियों ने चाइनीज फर्नीचर का बहिष्कार करते हुए, फर्निचर्स को आग के हवाले कर डाला. इतना ही नहीं व्यापारियों ने चाइना के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला भी फूंका और जम कर नारेबाजी की.

अब नहीं बेचेंगे चाइनीज सामान- व्यापारी

गुरुग्राम ओल्ड डीएलएफ के व्यापारियों ने अब से चाइनीज सामान नहीं बेचने की शपथ ली है. व्यापारियों ने बहादुर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. दुकानदारों ने कहा की चीन की यह हरकत कतई बर्दास्त नहीं की जाएगी. अगर चीन हमारे एक सैनिक को मरेगा तो हम उसके बीस सेनिकों को श्रति पहुंचने से पीछे नहीं रहेंगे.

क्या हुआ था गलवान घाटी में?

बता दें, पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए. वहीं अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, गलवान घाटी में हुई झड़प के दौरान चीनी पक्ष के 35 जवान हताहत हुए हैं.

पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है. समाचार एजेंसी के सूत्रों ने पुष्टि की है कि गलवान घाटी में मारे गए लोगों में चीनी यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल हैं.

क्या है गलवान घाटी विवाद?

भारत और चीन के बीच सीमा पर पिछले कई हफ्तों से तनाव की स्थिति है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देश अपने सैनिकों की मौजूदगी बढ़ा रहे थे. अक्साई चीन में स्थित गलवान घाटी को लेकर दोनों देशों के बीच इस तनाव की शुरुआत हुई थी. भारत का कहना है कि गलवान घाटी के किनारे चीनी सेना के कुछ टेंट देखे गए हैं. इसके बाद भारत ने भी वहाँ फौज की तैनाती बढ़ी दी है. वहीं, चीन का कहना है कि गलवान घाटी पर हमेशा से चीन की ही सम्प्रभुता रही है.

नई दिल्ली/गुरुग्राम: गलवान घाटी में चीन ने घटिया हरकत करते हुए कायरता का परिचय दिया. चीन ने भारतीय सैनिकों पर धोखे से हमला किया. इस घटना को लेकर चीन के प्रति लोगों में रोष बढ़ गया है. लोग अब चीनी सामानों के बहिष्कार करने की बात कर रहे हैं.

व्यापारियों ने किया चीन का बहिष्कार

भारत के 20 भारतीय सैनिकों की शहादत पर हर भारतीय की आंखें नम है. चाइना की इस कयरतापूर्ण हरकत को लेकर ओल्ड डीएलएफ की फर्नीचर मार्किट के व्यापारियों ने चाइनीज फर्नीचर का बहिष्कार करते हुए, फर्निचर्स को आग के हवाले कर डाला. इतना ही नहीं व्यापारियों ने चाइना के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला भी फूंका और जम कर नारेबाजी की.

अब नहीं बेचेंगे चाइनीज सामान- व्यापारी

गुरुग्राम ओल्ड डीएलएफ के व्यापारियों ने अब से चाइनीज सामान नहीं बेचने की शपथ ली है. व्यापारियों ने बहादुर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. दुकानदारों ने कहा की चीन की यह हरकत कतई बर्दास्त नहीं की जाएगी. अगर चीन हमारे एक सैनिक को मरेगा तो हम उसके बीस सेनिकों को श्रति पहुंचने से पीछे नहीं रहेंगे.

क्या हुआ था गलवान घाटी में?

बता दें, पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए. वहीं अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, गलवान घाटी में हुई झड़प के दौरान चीनी पक्ष के 35 जवान हताहत हुए हैं.

पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है. समाचार एजेंसी के सूत्रों ने पुष्टि की है कि गलवान घाटी में मारे गए लोगों में चीनी यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल हैं.

क्या है गलवान घाटी विवाद?

भारत और चीन के बीच सीमा पर पिछले कई हफ्तों से तनाव की स्थिति है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देश अपने सैनिकों की मौजूदगी बढ़ा रहे थे. अक्साई चीन में स्थित गलवान घाटी को लेकर दोनों देशों के बीच इस तनाव की शुरुआत हुई थी. भारत का कहना है कि गलवान घाटी के किनारे चीनी सेना के कुछ टेंट देखे गए हैं. इसके बाद भारत ने भी वहाँ फौज की तैनाती बढ़ी दी है. वहीं, चीन का कहना है कि गलवान घाटी पर हमेशा से चीन की ही सम्प्रभुता रही है.

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