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प्रदूषण: फर्रुखनगर के किसानों ने ली पराली ना जलाने की शपथ - Farrukhnagar farmers not burn stubble

फर्रुखनगर के किसानों ने ये शपथ भी ली कि वो पराली को नहीं जलाएंगे. किसानों की जो भी पराली है उसे हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से बेचा जा रहा है. कुछ किसानों ने पराली को गौशाला में दान भी किया है. जिससे कि गौशाला में चारे की कामी ना रहे.

फर्रुखनगर के किसानों ने ली पराली ना जलाने की शपथ
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Published : Nov 3, 2019, 2:26 PM IST

नई दिल्ली/गुरुग्राम: हरियाणा में बढ़ता प्रदूषण प्रशासन के लिए गले की फांस बना हुआ है. हालांकि गुरुग्राम प्रशासन प्रदूषण को कम करने के लिए सड़कों पर पानी की बौछार करवा रहा है. उसके बाद भी प्रदूषण से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है.

किसानों ने पराली ना जलाने की शपथ ली

प्रशासन की अपील

दिवाली पर पटाखों का चलाना और किसानों का पराली को फूंकना ये दो वजह प्रदूषण की अहम बताई जा रही है. सरकार और प्रशासन किसानों से लगातार पराली को ना जलाने की अपील कर रहे हैं. वहीं फर्रुखनगर के किसानों ने भी प्रदेश के किसानों से पराली ना जलाने की अपील की है.

किसानों ने ली शपथ

फर्रुखनगर के किसानों ने ये शपथ भी ली कि वो पराली को नहीं जलाएंगे. किसानों की जो भी पराली है उसे हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से बेचा जा रहा है. कुछ किसानों ने पराली को गौशाला में दान भी किया है. जिससे कि गौशाला में चारे की कामी ना रहे.

ये भी पढ़ेंः प्रदूषण की सफेद चादर में ढका हिसार, एयर क्वालिटी इंडेक्स 486 के पार

'नहीं जलानी चाहिए पराली'

किसानों का ये भी कहना है कि उनको पराली नहीं जलानी चाहिए. इससे धरती की उपजाऊ शक्ति कमजोर होती है और प्रदूषण भी बढ़ता है. बता दे कि इस वक्त पूरा उत्तर भारत प्रदूषण की चपेट में है. ये प्रदूषण अब जानलेवा होता जा रहा है. लोगों को आंख में जलन और सांस लेने में तकलीफ हो रही है.

खतरनाक स्तर पर वायु प्रदूषण

दिवाली के बाद हरियाणा में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्थिति तक पहुंच गया है. शुक्रवार को प्रदेश के दस शहर दोपहर 12 बजे तक गैस चैंबर बने रहे. इन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 रिकॉर्ड किया गया. प्रदेश में वायु प्रदूषण का ये स्तर इस साल में अब तक का सर्वाधिक है. उधर, देश की राजधानी दिल्ली में स्वास्थ्य आपात काल लागू होने के बाद प्रदूषण फैलाने वालों पर हरियाणा में सख्ती बरती गई है. हरियाणा में भी पांच जिलों में स्वास्थ्य आपात काल लागू कर दी गई है.

नई दिल्ली/गुरुग्राम: हरियाणा में बढ़ता प्रदूषण प्रशासन के लिए गले की फांस बना हुआ है. हालांकि गुरुग्राम प्रशासन प्रदूषण को कम करने के लिए सड़कों पर पानी की बौछार करवा रहा है. उसके बाद भी प्रदूषण से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है.

किसानों ने पराली ना जलाने की शपथ ली

प्रशासन की अपील

दिवाली पर पटाखों का चलाना और किसानों का पराली को फूंकना ये दो वजह प्रदूषण की अहम बताई जा रही है. सरकार और प्रशासन किसानों से लगातार पराली को ना जलाने की अपील कर रहे हैं. वहीं फर्रुखनगर के किसानों ने भी प्रदेश के किसानों से पराली ना जलाने की अपील की है.

किसानों ने ली शपथ

फर्रुखनगर के किसानों ने ये शपथ भी ली कि वो पराली को नहीं जलाएंगे. किसानों की जो भी पराली है उसे हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से बेचा जा रहा है. कुछ किसानों ने पराली को गौशाला में दान भी किया है. जिससे कि गौशाला में चारे की कामी ना रहे.

ये भी पढ़ेंः प्रदूषण की सफेद चादर में ढका हिसार, एयर क्वालिटी इंडेक्स 486 के पार

'नहीं जलानी चाहिए पराली'

किसानों का ये भी कहना है कि उनको पराली नहीं जलानी चाहिए. इससे धरती की उपजाऊ शक्ति कमजोर होती है और प्रदूषण भी बढ़ता है. बता दे कि इस वक्त पूरा उत्तर भारत प्रदूषण की चपेट में है. ये प्रदूषण अब जानलेवा होता जा रहा है. लोगों को आंख में जलन और सांस लेने में तकलीफ हो रही है.

खतरनाक स्तर पर वायु प्रदूषण

दिवाली के बाद हरियाणा में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्थिति तक पहुंच गया है. शुक्रवार को प्रदेश के दस शहर दोपहर 12 बजे तक गैस चैंबर बने रहे. इन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 रिकॉर्ड किया गया. प्रदेश में वायु प्रदूषण का ये स्तर इस साल में अब तक का सर्वाधिक है. उधर, देश की राजधानी दिल्ली में स्वास्थ्य आपात काल लागू होने के बाद प्रदूषण फैलाने वालों पर हरियाणा में सख्ती बरती गई है. हरियाणा में भी पांच जिलों में स्वास्थ्य आपात काल लागू कर दी गई है.

Intro:गुरुग्राम के किसानों की पहल

पराली जलाए नहीं बल्कि बेचे

पराली जलाने से जमीन की उपज खत्म होती है तो प्रदूषण बढ़ता है

गौ शाला में कर रहे है पराली का दान
Body:दिल्ली एनसीआर में बढ़ रहे लगातार पोलूशन पर नकेल कसने के लिए एक तरफ प्रशासन और सरकार जहां मशक्कत कर रही हैं....वहीं दूसरी तरफ गुरुग्राम के फर्रुखनगर इलाके के किसानों ने हरियाणा और पंजाब के सभी किसानों से अपील की है कि वह पराली ना जलाएं...

बाइट=धर्मपाल, किसान

वहीं उन्होंने यह शपथ भी ली के गुरुग्राम इलाके में पराली नहीं जलाई जा रही है और यही नहीं सभी किसान मिलकर जो पराली है...उसे ढाई ₹1000 प्रति एकड़ के हिसाब से बेचा भी जा रहा है....तो पराली को गौशाला में दान भी किया जा रहा है...जिससे गौमाता का चारा बनाकर गौशाला में दिया जा सके... वहीं फर्रुखनगर के किसानों का कहना है कि पराली नहीं जलानी चाहिए इससे धरती के ऊपर तो कमजोर होती ही है साथ ही साथ जो पोलूशन बढ़ रहा है उससे पूरे एनसीआर के लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है और कई बड़ी बीमारियों से भी जूझना पड़ सकता है...

बाइट=रामबीर, किसान
बाइट=किसानConclusion:फरुखनगर के किसानों ने मिलकर शपथ ली और अपील की कि वह तो पराली जलाएंगे ही नहीं साथ ही साथ दूसरे किसानों से भी यही अनुरोध है कि वह भी पराली न जलाएं....
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