नई दिल्ली/नूंह: रविवार को नूंह में हुई बरसात किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. बरसात के इंतजार में बैठे किसानों की बांछे खिल गई हैं. नूंह जिले के नूंह खंड में सबसे अधिक 30 एमएम बरसात हुई, तो वहीं फिरोजपुर झिरका में सबसे कम लगभग 1 एमएम बरसात रिकॉर्ड की गई. इसके अलावा तावडू खंड में 15 एमएम,नगीना खंड में 12 एमएम और पुन्हाना खंड में 3 एमएम बरसात दर्ज की गई है.
कृषि विभाग के अनुसार रविवार को हुई बरसात गेहूं और सरसों की फसल के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. वहीं इस बरसात से दलहन की फसलों के उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी से भी इनकार नहीं किया जा सकता.
उप निदेशक कृषि विभाग डॉ महाबीर सिंह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि वैसे तो बरसात राज्य के सभी किसानों के लिए बेहद लाभकारी है, लेकिन सबसे ज्यादा लाभकारी नूंह जिले के किसानों के लिए है. क्योंकि यहां के हजारों किसान ऐसे हैं जिनकी फसलों की सिंचाई के लिए कोई साधन नहीं है. खेती बरसात पर आधारित है और इस बरसात को बेमौसम बरसात नहीं कहा जा सकता. भले ही इससे ठंड बढ़ेगी, लेकिन जितनी ठंड बढ़ेगी. उतना ही गेहूं की फसल को लाभ होगा.
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उप निदेशक कृषि विभाग ने कहा कि नगीना खंड के 50 गांवों में सिंचाई के लिए पानी की एक बूंद नहीं है. इस बरसात से ऐसे इलाकों में भी फसलों के उत्पादन की आस जग गई है. अभी भी आसमान में बादल छाए हुए हैं और हल्की-हल्की बूंदाबांदी हो रही है. पिछले करीब 48 घंटों में सूरज दिखाई तो दिया है, लेकिन बादलों की लुकाछिपी का दौर जारी है.