नई दिल्ली/नूंह: जिले में रमजान के पवित्र महीने में रोजेदारों को कोरोना सैंपल देने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक अहम कदम उठाया है. स्वास्थ्य विभाग नूंह ने एक एंबुलेंस को अस्पताल का रूप दिया है.
बता दें कि इस एंबुलेंस में सवार होकर कोरोना का टेस्ट लेने के लिए डॉक्टरों की टीम गांव-गांव जाएगी, वहीं पर संदिग्ध मरीजों का सैंपल लिया जाएगा. इससे पहले ज्यादातर लोगों को सैंपल लेने के लिए बसों या एंबुलेंस में बैठाकर अल आफिया सामान्य अस्पताल में लाया जाता रहा है. इस प्रक्रिया में समय और धन की बर्बादी हो रही थी.
मोबाइल हेल्प टीम कर रही लोगों की जांच
डिप्टी सिविल सर्जन एवं जिला नोडल अधिकारी अरविंद ने बताया कि इसके अलावा पीएचसी-सीएचसी स्तर पर मेडिकल ऑफिसर और लैब टेक्नीशियन को प्रशिक्षण देकर कोरोना के सैंपल लेने के लिए तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा मोबाइल हेल्प टीम पहले से ही गांव-गांव जाकर लोगों की जांच कर रही है.
स्वास्थ्य विभाग ने इस एंबुलेंस को मेवात कोविड-19 टेस्ट मोबाइल वैन नाम दिया है. एंबुलेंस में डॉक्टरों के बैठने के अलावा सैंपल लेने के सभी उपकरण उपलब्ध रहेंगे, जो एंबुलेंस में बैठे-बैठे नीचे खड़े मरीज का सैंपल उसी जगह पर ले सकेंगे. रमजान के महीने में सैंपल देते समय रोजेदारों को किसी प्रकार की तकलीफ ना हो, इसलिए डॉक्टरों की टीम ने लोगों को सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा बुलाने की बजाय खुद गांव में चलकर जाएगी और लोगों के कोरोना सैंपल लेने का काम करेगी.