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पढ़ने वाले तो हैं पर पढ़ाने वाले गायब..ऐसे चल रहा नूंह के स्कूल में कॉलेज

नूंह में प्राइमरी पाठशाला में कॉलेज चलाया जा रहा है. इस कॉलेज छात्रों के पढ़ने के लिए प्रोपर स्पेस, पानी की व्यवस्था और अध्यापक भी नहीं है. इसके अलावा इस कॉलेज के लिए भवन निर्माण का कार्य भी जारी है. जैसे ही नए भवन का निर्माण हो जाएगा, कॉलेज को शिफ्ट कर दिया जाएगा.

college running in bissar akarburpur village primary school in nuh at gurugram
ऐसे चल रहा नूंह के स्कूल में कॉलेज
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Published : Feb 29, 2020, 11:21 PM IST

नई दिल्ली/नूंह: जिले के तावडू खंड में बिस्सर अकबरपुर गांव की प्राइमरी पाठशाला में पिछले साल 2019 से चल रहे कॉलेज को सुविधाओं की दरकार है. कॉलेज भवन का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है. तब तक अस्थाई तौर पर राजकीय प्राइमरी स्कूल प्रांगण में कक्षाएं लगाई जा रही हैं. कॉलेज में 81 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. कॉलेज में स्टाफ के अलावा संसाधनों की भारी कमी है.

ऐसे चल रहा नूंह के स्कूल में कॉलेज

कॉलेज में लेक्चरर की कमी

जानकारी के अनुसार 18 छात्राएं और 63 छात्र कॉमर्स और आर्टस की पढ़ाई कर रहे हैं. छात्रों को कॉलेज को आने जाने के लिए परिवहन की समस्या से भी जूझना पड़ता है. लेक्चरर की कमी होने से बच्चे कुछ घंटे बाद ही घर का रुख कर लेते हैं.

कॉलेज में पानी की कमी

कॉलेज में रमेश कुमार बंसल को एडिशनल प्रिंसिपल लगाया हुआ है. उनके कंधों पर नगीना और तावडू के प्रिंसिपल का कार्यभार भी है. मनीष कुमार भूगोल ही अकेले नियमित लेक्चरर यहां तैनात हैं. इसके अलावा अधिकतर स्टाफ को जुगाड़ से लगाया गया है. कॉलेज में शौचालय, कमरे, पेयजल इत्यादि की भी भारी कमी है.

आपको बता दें कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा ने बिस्सर अकबरपुर गांव में आयोजित कार्यक्रम में गत 30 दिसंबर 2018 को कॉलेज बनाने की घोषणा कर शिलान्यास किया था. भवन की वजह से कक्षाएं आनन-फानन में पिछले सत्र से ही शुरु करा दी गई. कॉलेज में अगर स्टाफ तथा सुविधाओं की पूर्ति की जाए तो शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों को इसका भरपूर लाभ मिल सकता है.

नई दिल्ली/नूंह: जिले के तावडू खंड में बिस्सर अकबरपुर गांव की प्राइमरी पाठशाला में पिछले साल 2019 से चल रहे कॉलेज को सुविधाओं की दरकार है. कॉलेज भवन का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है. तब तक अस्थाई तौर पर राजकीय प्राइमरी स्कूल प्रांगण में कक्षाएं लगाई जा रही हैं. कॉलेज में 81 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. कॉलेज में स्टाफ के अलावा संसाधनों की भारी कमी है.

ऐसे चल रहा नूंह के स्कूल में कॉलेज

कॉलेज में लेक्चरर की कमी

जानकारी के अनुसार 18 छात्राएं और 63 छात्र कॉमर्स और आर्टस की पढ़ाई कर रहे हैं. छात्रों को कॉलेज को आने जाने के लिए परिवहन की समस्या से भी जूझना पड़ता है. लेक्चरर की कमी होने से बच्चे कुछ घंटे बाद ही घर का रुख कर लेते हैं.

कॉलेज में पानी की कमी

कॉलेज में रमेश कुमार बंसल को एडिशनल प्रिंसिपल लगाया हुआ है. उनके कंधों पर नगीना और तावडू के प्रिंसिपल का कार्यभार भी है. मनीष कुमार भूगोल ही अकेले नियमित लेक्चरर यहां तैनात हैं. इसके अलावा अधिकतर स्टाफ को जुगाड़ से लगाया गया है. कॉलेज में शौचालय, कमरे, पेयजल इत्यादि की भी भारी कमी है.

आपको बता दें कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा ने बिस्सर अकबरपुर गांव में आयोजित कार्यक्रम में गत 30 दिसंबर 2018 को कॉलेज बनाने की घोषणा कर शिलान्यास किया था. भवन की वजह से कक्षाएं आनन-फानन में पिछले सत्र से ही शुरु करा दी गई. कॉलेज में अगर स्टाफ तथा सुविधाओं की पूर्ति की जाए तो शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों को इसका भरपूर लाभ मिल सकता है.

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