नई दिल्ली/गुरुग्राम: पहले जहां बड़ी-बड़ी गाड़ियां, बड़े-बड़े घरों को स्टेटस सिंबल माना जाता है. वहीं अब हथियार रखना भी स्टेटस का सिंबल माना जाने लगा है. हथियार, हथियारों का लाइसेंस ये सब कायदे से तो इंसानी जान की हिफाजत के लिए है. मगर कई बार हिफाजत की ये जरूरी चीजें शौक और जलवे में तब्दील हो जाती है.
प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाला साइबर सिटी गुरुग्राम में बड़ी-बड़ी कंपनियां, फैक्ट्रियां और नेताओं के घर हैं. बड़ी-बड़ी हस्तियां गुरुग्राम में रहती हैं. ऐसे में लाइसेंसी हथियार ज्यादा होना यहां पर स्वाभाविक है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गुरुग्राम में 6800 से ज्यादा लोगों के हथियार का लाइसेंस है.
गुरुग्राम में 6800 लोगों के पास है लाइसेंसी हथियार
गुरुग्राम पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर कुलविंदर की मानें तो गुरुग्राम में कुल 6800 लोगों के पास हथियार के लाइसेंस हैं. इनमें से कुछ लोग गुरुग्राम के रहने वाले हैं और कुछ बाहर से आए हैं. हालांकि गुरुग्राम पुलिस लाइसेंस देने से पहले तमाम सरकारी पैमानों का जायजा लेती है. जिसके बाद ही लाइसेंस दिए जाते हैं..
2020 में 485 लोगों ने हथियार के लाइसेंस के लिए किया था आवेदन
गुरुग्राम पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर कुलविंदर ने बताया कि साइबर सिटी गुरुग्राम में हर साल 400 से ज्यादा लोग लाइसेंस के लिए अप्लाई करते हैं. बीते साल 2020 की बात करें तो 485 लोगों ने हथियार के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था.
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इन सभी प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही मिलता है लाइसेंस
1. लाइसेंस के लिए सबसे पहले पुलिस कमिश्नर ऑफिस में आवेदन करना होता है. आवेदन के साथ ही हथियार की जरूरत बतानी होती है.
2.इसके बाद आपका आवेदन पुलिस जांच के लिए आपके क्षेत्रीय थाने में पहुंचता है.
3.थाने से आवेदक का सत्यापन किया जाता है. इसमें उसके स्थाई पते, पृष्ठभूमि, कामकाज और आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में पूरी जानकारी ली जाती है.
4.सत्यापन के बाद आवेदन को जिला क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में भेजा जाता है. वहां आवेदक के आपराधिक रिकॉर्ड का पता लगाया जाता है. थाने से आई रिपोर्ट को दोबारा चेक किया जाता है.
5.कुछ आवश्यक कागजी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आवेदन पुलिस कमिश्नर के ऑफिस आ जाता है.
6.इसके साथ ही आवेदक के बारे में एलआईयू (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) भी जांच करता है.
7. अगर आपकी जान का खतरा है तो आप को बुलाकर आप से पूछताछ भी की जा सकती है.
8. पुलिस और एलआईयू से मिली रिपोर्ट के आधार पर पुलिस कमिश्नर या ज्वाइंट कमिश्नर ये तय करते हैं कि आवेदक को हथियार लाइसेंस दिया जाए या नहीं.
गुरुग्राम में साल 2020 में 22 लाइसेंस हुए रद्द
गुरुग्राम ज्वाइंट कमिश्नर की मानें तो हथियार के गलत इस्तेमाल पर लाइसेंस रद्द हो सकता है. किसी शादी-विवाह, पार्टी या उत्सव के समय बिना किसी वजह के हथियार का इस्तेमाल करने पर ये लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है. हथियार का अगर दिखावा या रुतबा साबित करने के लिए इस्तेमाल या किसी को डराने-धमकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. तो भी लाइसेंस रद्द हो सकता है. वहीं गुरुग्राम पुलिस ने साल 2020 में 22 लाइसेंस को रद्द किया था.
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पहले एक लाइसेंस पर तीन शस्त्र रखने का था प्रावधान
भारत में पहले एक हथियारी लाइसेंस पर तीन हथियार रखने का प्रावधान था, लेकिन साल 2019 में कानून में संशोधन के बाद अब एक लाइसेंस पर 2 ही हथियार रख सकते हैं. इसके तहत अब जो भी शख्स एक लाइसेंस पर दो से ज्यादा शस्त्र रखेगा. उस पर कार्रवाई की जा सकती है. हालांकि अभी लाइसेंस धारियों को कुछ समय दिया गया है.
लाइसेंस धारी व्यक्ति के निधन पर किया जा सकता है लाइसेंस ट्रांसफर
गुरुग्राम पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर कुलविंदर सिंह ने बताया कि यदि लाइसेंस और हथियार लेने वाले का निधन हो जाता है. तो उसके निकट संबंधी को हथियार तत्काल जमा कराना होता है. यदि उसे यह हथियार अपने नाम विरासत कराना है. तो फिर उसे पुलिस कमिश्नर के यहां आवेदन करके सभी प्रक्रियाओं से गुजरना होता है.
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