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पत्नी गर्भवती है...हाथ में 1 रुपया नहीं है फिर भी घर जाने को निकल पड़े हैं ये मजदूर

लॉकडाउन बढ़ने के बाद एक बार फिस से मजदूरों ने पलायन करना शुरू कर दिया है. गाजियाबाद के लोनी इलाके से कुछ मजदूर पैदल ही मध्यप्रदेश को निकल पड़े हैं. वहीं स्थानीय पुलिस ने समझाने की कोशिश की.

workers are migrating from Loni Ghaziabad due tp lockdown
मजदूरों का पलायन
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Published : May 2, 2020, 5:20 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद से पलायन की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं. इस बार की तस्वीरें लोनी इलाके से सामने आई हैं. जहां पर मध्यप्रदेश के रहने वाले कुछ मजदूरों के परिवार छोटे-छोटे बच्चों के साथ पलायन करते हुए दिखाई दिए.

गाजियाबाद के लोनी से पलायन कर रहे मजदूर

पलायन कर रहे गरीब परिवारों का कहना है कि लॉकडाउन में मजदूरी खत्म हो गई है. बच्चों के खाने-पीने तक की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में होम टाउन जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है और पैदल ही निकल रहे हैं. मजदूरों ने साफ तौर पर कहा कि घर जाने के लिए पुलिस के डंडे भी खाने को तैयार हैं, क्योंकि यहां भूख से मरना नहीं चाहते हैं.

पुलिस ने मजदूरों को समझाया

पलायन कर रहे मजदूरों को पुलिसकर्मियों ने समझाया. पुलिसकर्मियों ने उन्हें आश्वस्त किया है कि उनके खाने की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन मजदूर काफी गुस्से में थे और कह रहे हैं कि कई बार हेल्पलाइन पर फोन करने के बाद भी उनके पास खाने-पीने की व्यवस्था नहीं हुई. जिसकी वजह से उन्हें पलायन पर मजबूर होना पड़ा.

एक महिला मजदूर ने बताया कि उनके पास सिर्फ 20 रुपए बचे थे, जिससे नमकीन का पैकेट ले लिया है. खुद खाने के लिए अब 1 रुपए भी नहीं बचा है. एक अन्य मजदूर ने बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती है. पैदल जाने की गुंजाइश नहीं है, लेकिन फिर भी रुक-रुक कर अपने होमटाउन जाने की कोशिश करेंगे.

नई दिल्ली/गाजियाबादः राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद से पलायन की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं. इस बार की तस्वीरें लोनी इलाके से सामने आई हैं. जहां पर मध्यप्रदेश के रहने वाले कुछ मजदूरों के परिवार छोटे-छोटे बच्चों के साथ पलायन करते हुए दिखाई दिए.

गाजियाबाद के लोनी से पलायन कर रहे मजदूर

पलायन कर रहे गरीब परिवारों का कहना है कि लॉकडाउन में मजदूरी खत्म हो गई है. बच्चों के खाने-पीने तक की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में होम टाउन जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है और पैदल ही निकल रहे हैं. मजदूरों ने साफ तौर पर कहा कि घर जाने के लिए पुलिस के डंडे भी खाने को तैयार हैं, क्योंकि यहां भूख से मरना नहीं चाहते हैं.

पुलिस ने मजदूरों को समझाया

पलायन कर रहे मजदूरों को पुलिसकर्मियों ने समझाया. पुलिसकर्मियों ने उन्हें आश्वस्त किया है कि उनके खाने की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन मजदूर काफी गुस्से में थे और कह रहे हैं कि कई बार हेल्पलाइन पर फोन करने के बाद भी उनके पास खाने-पीने की व्यवस्था नहीं हुई. जिसकी वजह से उन्हें पलायन पर मजबूर होना पड़ा.

एक महिला मजदूर ने बताया कि उनके पास सिर्फ 20 रुपए बचे थे, जिससे नमकीन का पैकेट ले लिया है. खुद खाने के लिए अब 1 रुपए भी नहीं बचा है. एक अन्य मजदूर ने बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती है. पैदल जाने की गुंजाइश नहीं है, लेकिन फिर भी रुक-रुक कर अपने होमटाउन जाने की कोशिश करेंगे.

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