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गाजियाबाद: डासना जेल में महिला कैदियों के लिए लगाया गया स्वास्थ्य कैंप

गाजियाबाद के डासना जेल में महिला कैदियों की स्वास्थ्य की जांच के लिए कैंप लगाया गया है. यह कैंप जिला स्वास्थ्य विभाग के निर्देशन पर लगाया गया है.

डासना जेल etv bharat
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Published : Jul 29, 2019, 1:21 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी से सटे गाजियाबाद में डासना इलाके में स्थित जिला डासना जेल में प्राइवेट चिकित्सक और मेडिकल एसोसिएशन ने कैंप लगाया. यह कैंप जिला स्वास्थ्य विभाग के निर्देशन पर लगाया गया है.

यह कैंप जागरूकता अभियान का एक हिस्सा है. इसके तहत 87 महिला कैदियों के स्वास्थ्य की जांच की गई और उनको चर्म रोग के अलावा स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी गई.

डासना जेल में महिला कैदियों के स्वास्थ्य की होगी जांच

स्वास्थ्य की जांच कर दवाइयां दी गई
बीते दिनों यह मामला सामने आया था कि कुछ महिला कैदी स्वास्थ्य को लेकर उदासीन रवैया अपना रही हैं. डासना जिला जेल के जेलर आनंद शुक्ला एवं वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि प्राइवेट चिकित्सक मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा डासना की जिला जेल में महिला बंदियों के लिए एक कैंप का आयोजन किया. जहां उनका चेकअप के साथ-साथ दवाइयां भी दी गई.

कैंप के आयोजन से बढ़ेगा महिलाओं में आत्मविश्वास
सुनील कुमार ने बताया कि समय-समय पर ऐसे जागरूकता अभियान और कैंप महिला कैदियों के लिए जरूरी हो जाते हैं. क्योंकि जेल में आने के बाद किसी भी कैदी की मनोस्थिति अलग हो जाती है. कई बार ऐसी स्थिति में महिला कैदी खुद का ख्याल नहीं रख पाती हैं. लेकिन जागरूकता के बाद काउंसलिंग करके और दवाइयों से महिला कैदियों को न सिर्फ ठीक किया जा सकता है, बल्कि उनका आत्मविश्वास ही बढ़ाया जा सकता है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी से सटे गाजियाबाद में डासना इलाके में स्थित जिला डासना जेल में प्राइवेट चिकित्सक और मेडिकल एसोसिएशन ने कैंप लगाया. यह कैंप जिला स्वास्थ्य विभाग के निर्देशन पर लगाया गया है.

यह कैंप जागरूकता अभियान का एक हिस्सा है. इसके तहत 87 महिला कैदियों के स्वास्थ्य की जांच की गई और उनको चर्म रोग के अलावा स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी गई.

डासना जेल में महिला कैदियों के स्वास्थ्य की होगी जांच

स्वास्थ्य की जांच कर दवाइयां दी गई
बीते दिनों यह मामला सामने आया था कि कुछ महिला कैदी स्वास्थ्य को लेकर उदासीन रवैया अपना रही हैं. डासना जिला जेल के जेलर आनंद शुक्ला एवं वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि प्राइवेट चिकित्सक मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा डासना की जिला जेल में महिला बंदियों के लिए एक कैंप का आयोजन किया. जहां उनका चेकअप के साथ-साथ दवाइयां भी दी गई.

कैंप के आयोजन से बढ़ेगा महिलाओं में आत्मविश्वास
सुनील कुमार ने बताया कि समय-समय पर ऐसे जागरूकता अभियान और कैंप महिला कैदियों के लिए जरूरी हो जाते हैं. क्योंकि जेल में आने के बाद किसी भी कैदी की मनोस्थिति अलग हो जाती है. कई बार ऐसी स्थिति में महिला कैदी खुद का ख्याल नहीं रख पाती हैं. लेकिन जागरूकता के बाद काउंसलिंग करके और दवाइयों से महिला कैदियों को न सिर्फ ठीक किया जा सकता है, बल्कि उनका आत्मविश्वास ही बढ़ाया जा सकता है.

Intro:गाजियाबाद। महिला कैदियों के लिए जेल में समय-समय पर अलग-अलग जागरूकता अभियान चलाए जाते रहे हैं। हाल ही में सामने आया था कि जेल में बंद महिला कैदी अपने स्वास्थ्य को लेकर उदासीन रवैया अपना रही है। ऐसे में जिला स्वास्थ्य विभाग और प्राइवेट डॉक्टर्स ने एक बड़ी पहल की है। जिससे महिला कैदियों को स्वच्छता और स्वास्थ्य के विषय में जागरूक किया जाए। जेल के भीतर रहकर कई महिलाएं जिंदगी दोबारा नए सिरे से शुरू करने की कोशिश में जुटी हैं। तो कुछ को जीवन के प्रति प्रेरित किया जाना प्रशासन की जिम्मेदारी है।Body:गाजियाबाद में डासना इलाके में स्थित जिला डासना जेल में प्राइवेट चिकित्सक और मेडिकल एसोसिएशन ने कैंप लगाया। यह कैंप जागरूकता अभियान का एक हिस्सा है। इसके तहत महिला कैदियों के स्वास्थ्य की जांच की गई। और उनको चर्म रोग के अलावा स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी गई। जिला स्वास्थ्य विभाग के निर्देशन पर यह कैंप लगाया गया। जिसमें 87 महिला कैदियों को स्वास्थ्य परीक्षण करके दवाई भी दी गई। कैंप में महिलाओं को स्वच्छता का महत्व बताया गया।और स्वयं को चर्म रोग से मुक्त रखने के उपाय भी बताए गए। बीते दिनों यह सामने आया था कि कुछ महिला कैदी स्वास्थ्य को लेकर उदासीन रवैया अपना रही हैं ।


Conclusion:डासना जिला जेल के जेलर आनंद शुक्ला एवं वरिष्ठ फिजीशियन डॉ सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि प्राइवेट चिकित्सक मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा डासना की जिला जेल में महिला बंदियों के लिए एक कैंप का आयोजन कर उनके चेकप के साथ-साथ दवाइयां भी वितरण की गई।
समय-समय पर ऐसे जागरूकता अभियान और कैंप महिला कैदियों के लिए जरूरी हो जाते हैं। क्योंकि जेल में आने के बाद किसी भी कैदी की मनोस्थिति अलग हो जाती है। कई बार ऐसी स्थिति में महिला कैदी खुद का ख्याल नहीं रख पाती है। लेकिन जागरूकता के बाद काउंसलिंग करके और दवाइयों से महिला कैदियों को न सिर्फ ठीक किया जा सकता है, बल्कि उनका आत्मविश्वास ही बढ़ाया जा सकता है
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