नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के नामी बिल्डर विक्रम त्यागी के अपहरण की गुत्थी 7 महीने बाद भी अनसुलझी है. कहां गए बिल्डर विक्रम त्यागी? ये बात किसी को नहीं पता 26 जून 2020 को गाजियाबाद के सिहानी गेट इलाके से विक्रम संदिग्ध हालत में गायब हो गए थे. अगले ही दिन उनकी गाड़ी मुजफ्फरनगर से बरामद की गई थी, लेकिन विक्रम त्यागी का सुराग नहीं लग पाया. मामले में अब तक की जानकारी के मुताबिक करीब 100 लावारिस शवों से पुलिस विक्रम त्यागी के फिंगरप्रिंट मैच करके देख चुकी है, लेकिन दिल्ली से लेकर आगरा तक मिली लाशों में से कोई लाश विक्रम त्यागी की नहीं थी.
सवाल ये है कि आखिर विक्रम त्यागी तक पुलिस क्यों नहीं पहुंच पाई? 7 महीने बाद भी परिवार का वही आरोप है. परिवार का कहना है कि शुरू से ही यूपी पुलिस की मामले में लापरवाही रही है. परिवार ने अपने स्तर पर ही एनडीआरएफ और दूसरी एजेंसियों की मदद लेकर विक्रम की काफी तलाश की, लेकिन परिवार के लिए दुख की बात ये है कि उन्हें ये तक नहीं पता कि विक्रम जिंदा भी है, या नहीं. 7 महीने में किसी फिरौती का फोन कॉल तक नहीं आया, जिससे कोई आस जागी होती. ऐसे में परिवार के गम का अंदाजा आप लगा सकते हैं. आज भी परिवार के सामने वही सारे सवाल खड़े हैं, जो 7 महीने पहले खड़े हुए थे.
लाशों के बीच विक्रम को तलाशते आंखें
अब तो हाल यह है कि परिवार को अगर दूरदराज नहीं पता चले कि कोई लावारिस लाश मिली है, तो उस लाश को देखने के लिए परिवार पहुंच जाता है. उस लाश का फिंगरप्रिंट, विक्रम के फिंगरप्रिंट से मैच कराया जाता है, लेकिन लाश के साथ मैच नहीं होने के बाद परिवार निराश हो जाता है. इससे साफ है कि किस तरह से लाशों के बीच विक्रम को उनके अपने तलाश रहे हैं, लेकिन दर्दनाक बात यह है कि अब तक विक्रम के बारे में दूर-दराज तक भी कोई जानकारी हाथ नहीं लग पाई है.