नई दिल्ली/गाजियाबाद: मोदीनगर के बखारवा गांव में 5 जुलाई को अवैध पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई थी, जिसमें मौके पर पहुंचे गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की थी. लेकिन घटना के 5 महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक एक भी परिजनों और घायलों को मुआवजा नहीं मिला है. जिसकी मांग को लेकर पीड़ित तहसील में बार-बार चक्कर काट रहे हैं.
मुआवजा 30 अक्टूबर तक देने का किया था ऐलान
बखारवा अग्निकांड की पीड़िता पुष्पा ने बताया कि अग्निकांड के समय वह घायल हो गई थी. जिसमें गाजियाबाद जिलाधिकारी ने घायलों और मृतकों को मुआवजा देने की घोषणा की थी. लेकिन उन्हें अभी तक मुआवजा नहीं मिला. बीते 30 अक्टूबर तक का समय उन्हें दिया गया था. जो अब बीत चुका है, और अब वह मोदीनगर तहसील में उपजिलाधिकारी से मिलने पहुंची हैं. जिसके बाद उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उनकी ओर से एक पत्र लिखकर प्रशासन को भेजा जाएगा. इसके बाद 3 से 4 दिन बाद फिर से तहसील में आने के लिए बोला गया है.
'कर्ज लेकर कराया था इलाज'
ईटीवी भारत को बखारवा अग्निकांड की पीड़िता गीता ने बताया कि वह तहसील परिसर में मुआवजे के लिए आई है, जो घटना के समय गाजियाबाद जिलाधिकारी ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख रूपये और घायलों को 50 हजार रूपये देने के लिए बोला गया था. मुआवजे के लिए वह लोग पिछले 5 महीनों से तहसील में आ रही हैं. लेकिन उनको सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है.
शासन को भेजा गया है पत्र
ईटीवी भारत ने इस पूरे मामले को लेकर जब मोदीनगर के उपजिलाधिकारी आदित्य प्रजापति से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि बखारवा अग्निकांड जुलाई महीने के प्रथम सप्ताह में हुआ था. जिसमें 10 लोगों की मृत्यु हुई थी. जिसमें से 9 मृतकों के परिजनों को मुआवजा मिल चुका है, बाद में हुई एक मौत के बाद मृतका के परिजनों और घायलों आर्थिक मदद के लिए शासन को पत्र भेजा गया है. जैसे ही वहां से संस्तुति होती है. पीड़ितों को मुआवजा दे दिया जाएगा.