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किसान आंदोलन में समर्थन देने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे विभाकर शास्त्री

किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र विभाकर शास्त्री मंगलवार को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे. वहां पहुंचकर उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि किसान और जवान पूरे देश के हैं. किसानों को राज्यों में बांटना देश की आत्मा से खिलवाड़ है.

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Published : Feb 2, 2021, 9:48 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र विभाकर शास्त्री ने मंगलवार को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर किसान आंदोलन को समर्थन दिया. इस दौरान गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत से उन्होंने मुलाकात की. इस दौरान विभाकर शास्त्री ने कहा कि किसान और जवान पूरे देश के हैं. किसानों को राज्यों में बांटना देश की आत्मा से खिलवाड़ है.

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन कमजोर पड़ता नजर आ रहा था. ट्रैक्टर मार्च के बाद कई किसान संगठनों ने खुद को आंदोलन से अलग कर लिया, लेकिन राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर डटे रहे. इसके बाद से गाजीपुर बॉर्डर पर न सिर्फ आंदोलनकारी किसानों की संख्या बढ़ी है, बल्कि समाजसेवी, अधिवक्ता और नेता भी आंदोलन को समर्थन देने लगातार गाजीपुर बार्डर पहुंच रहे हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र विभाकर शास्त्री ने मंगलवार को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर किसान आंदोलन को समर्थन दिया. इस दौरान गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत से उन्होंने मुलाकात की. इस दौरान विभाकर शास्त्री ने कहा कि किसान और जवान पूरे देश के हैं. किसानों को राज्यों में बांटना देश की आत्मा से खिलवाड़ है.

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन कमजोर पड़ता नजर आ रहा था. ट्रैक्टर मार्च के बाद कई किसान संगठनों ने खुद को आंदोलन से अलग कर लिया, लेकिन राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर डटे रहे. इसके बाद से गाजीपुर बॉर्डर पर न सिर्फ आंदोलनकारी किसानों की संख्या बढ़ी है, बल्कि समाजसेवी, अधिवक्ता और नेता भी आंदोलन को समर्थन देने लगातार गाजीपुर बार्डर पहुंच रहे हैं.

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