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मुरादनगर : विक्रेताओं को फेंकने पड़ रहे फूल, वापसी के लिए उधार मांग रहे किराया

लॉकडाउन और कोरोना वायरस ने रोजाना कमा कर गुजारा करने वाले लोगों की कमर तोड़कर रख दी है. कोरोना काल में फूल विक्रेताओं का काम भी ठप पड़ चुका है. फूल नहीं बिकने से फूल खराब हो जाते हैं और विक्रेताओं को फूल फेंकने पड़ते हैं. इसमें उनका नुकसान होता है.

up week end lockdown and corona effect on flower seller in muradnagar ghaziabad
मुरादनगर फूल विक्रेता
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Published : Aug 8, 2020, 4:27 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने रोजाना कमाने वाले लोगों पर गहरी चोट की है. अनलॉक में भी रोजाना कमा कर अपना गुजारा करने वाले लोगों के हालात नहीं सुधर पाए हैं. एक ओर कोरोना वायरस से प्रदेशवासियों को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार और रविवार को लॉकडाउन घोषित किया हुआ है तो दूसरी ओर इसकी मार सैकड़ों दिहड़ी मजदूरों की तरह फूल बेचने वालों पर भी पड़ रही है.

लॉकडाउन और कोरोना ने तोड़ी कमर

मुरादनगर में फूल बचने पहुंचे शख्स को पता है कि उसके फूल नहीं बिकेंगे. इसके बावजूद कुछ पैसे कमाने की आस में वह मोदीनगर से मुरादनगर फूल बेचने पहुंचा है वो भी तपती दोपहरी में, लेकिन ग्राहक नहीं आ रहे हैं. शनिवार और रविवार को लॉकडाउन होने के बावजूद दो वक्त की रोटी के जुगाड़ में मोदीनगर से तकरीबन 15 किलोमीटर दूर मुरादनगर फूल बेचने आने वाले रवि ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से मंदिरों में फूल नहीं बिक रहे हैं. वह रोड पर इसलिए फूल की दुकान लाकर बैठा है कि कोई घर में सजाने या गाड़ी में फूल लगाने के लिए लेकर चला जाए तो वह उससे कुछ पैसे कमा लेगा.

मोदीनगर से मुरादनगर आते हैं फूल बेचने

तपती दोपहरी में मुरादनगर के रेलवे रोड पर फूलों की दुकान लगाकर बैठे रवि का कहना है कि उसके फूल नहीं बिक रहे हैं. ऐसे में फूल खराब हो जाते हैं और उसे फूल फेंकने पड़ते हैं. इसमें उसका नुकसान होता है. रवि ने बताया कि फूल ना बिकने से मोदीनगर वापस जाने के लिए दूसरे दुकानदार से किराया उधार मांगना पड़ता है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने रोजाना कमाने वाले लोगों पर गहरी चोट की है. अनलॉक में भी रोजाना कमा कर अपना गुजारा करने वाले लोगों के हालात नहीं सुधर पाए हैं. एक ओर कोरोना वायरस से प्रदेशवासियों को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार और रविवार को लॉकडाउन घोषित किया हुआ है तो दूसरी ओर इसकी मार सैकड़ों दिहड़ी मजदूरों की तरह फूल बेचने वालों पर भी पड़ रही है.

लॉकडाउन और कोरोना ने तोड़ी कमर

मुरादनगर में फूल बचने पहुंचे शख्स को पता है कि उसके फूल नहीं बिकेंगे. इसके बावजूद कुछ पैसे कमाने की आस में वह मोदीनगर से मुरादनगर फूल बेचने पहुंचा है वो भी तपती दोपहरी में, लेकिन ग्राहक नहीं आ रहे हैं. शनिवार और रविवार को लॉकडाउन होने के बावजूद दो वक्त की रोटी के जुगाड़ में मोदीनगर से तकरीबन 15 किलोमीटर दूर मुरादनगर फूल बेचने आने वाले रवि ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से मंदिरों में फूल नहीं बिक रहे हैं. वह रोड पर इसलिए फूल की दुकान लाकर बैठा है कि कोई घर में सजाने या गाड़ी में फूल लगाने के लिए लेकर चला जाए तो वह उससे कुछ पैसे कमा लेगा.

मोदीनगर से मुरादनगर आते हैं फूल बेचने

तपती दोपहरी में मुरादनगर के रेलवे रोड पर फूलों की दुकान लगाकर बैठे रवि का कहना है कि उसके फूल नहीं बिक रहे हैं. ऐसे में फूल खराब हो जाते हैं और उसे फूल फेंकने पड़ते हैं. इसमें उसका नुकसान होता है. रवि ने बताया कि फूल ना बिकने से मोदीनगर वापस जाने के लिए दूसरे दुकानदार से किराया उधार मांगना पड़ता है.

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