नई दिल्ली/गाजियाबाद: गणतंत्र दिवस पर हुई ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद दो किसान संगठनों ने आंदोलन से अलग होने का फैसला लिया है. किसान नेता वीएम सिंह ने एलान किया है कि उनका संगठन राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ इस आंदोलन से खुद को अलग कर रहा है.
'हम किसानों को पिटवाने नहीं आए'
किसान नेता वीएम सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका ऐलान किया है कि उनका संगठन इस आंदोलन से खुद को अलग कर रहा है. ये संगठन अब आंदोलन का हिस्सा नहीं होगा. वीएम सिंह ने कहा कि इस रूप से आंदोलन नहीं चलेगा. हम यहां पर शहीद कराने या लोगों को पिटवाने नहीं आए हैं. उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत पर आरोप लगाए हैं.
भाकियू भानु गुट भी आंदोलन से अलग हुआ
वहीं भारतीय किसान यूनियन के भानु गुट ने भी आंदोलन से खुद को अलग कर लिया है. यह संगठन नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर बीते 58 दिनों से आंदोलन कर रहा था. 26 जनवरी के दिन दिल्ली में हुई हिंसा और तोड़फोड़ के बाद अब चिल्ला बॉर्डर पर बैठे किसानों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.
भानुप्रताप सिंह ने कहा कि 26 जनवरी को लाल किले पर भारत की अखंडता और अस्मिता को खतरे में डाला है. ऐसे में वह लोग किसान नहीं हो सकते हैं. ऐसे में उन्होंने प्रदर्शन खत्म करने का निर्णय लिया है.