नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद में रेलवे लाइन के किनारे झाड़ियों में शनिवार को लावारिस हालत में एक ढाई साल की बच्ची (Two and a half year old girl)मिली थी. इस मामले में दिल दहला देने वाला खुलासा हुआ है. बच्ची की मेडिकल जांच में यह बात सामने आई है कि बच्ची से रेप किया गया था. इसके बाद अब पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है और जल्दी ही दुष्कर्मी की तलाश (search of rapist) कर लेने का दावा कर रही है. इस मामले को गंभीरता से देखते हुए मामले में पुलिस अधिकारियों ने कई टीमों का गठन कर दिया है. शनिवार को यही शक भी जाहिर किया गया था कि बच्ची को चलती ट्रेन से तो नहीं फेंका गया है. अगर ऐसा हुआ है तो यह मामला कई सवाल खड़े कर देगा. बच्ची की हालत भी गंभीर बनी हुई है, जिसके चलते बच्ची को जिला अस्पताल से मेरठ के मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया है.
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ढाई साल की बच्ची के साथ दरिंदगी करने वाला कौन : इस गंभीर मामले के बारे में आपको बताएं तो यह मामला गाजियाबाद के लिंक रोड थाना क्षेत्र में पड़ने वाली रेलवे लाइन के किनारे का है. शनिवार की सुबह 7.30 बजे एक ढाई साल की बच्ची झाड़ियों में मिली थी, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर चाइल्डलाइन की मदद से बच्ची को अस्पताल में एडमिट कराया था. शाम तक बच्ची का मेडिकल हुआ. इसके अलावा उसके शरीर पर जो घाव थे उनका इलाज शुरू किया गया. मेडिकल की रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि बच्ची के साथ घिनौना काम किया गया था. बच्ची की पहचान भी अभी तक नहीं हो पाई है. उल्लेखनीय है कि पुलिस ने पोस्टर जारी करके बच्ची की पहचान के लिए लोगों से अपील की थी. आखिर ढाई साल की मासूम बच्ची कौन है और इसके साथ दरिंदगी करने वाला कौन है? क्या एक है या एक से ज्यादा हैं ? इस सवाल का जवाब भी अभी पुलिस को नहीं मिल पाया है. इस दरिंदगी की इंतहा को जिसने भी सुना है वह सिर्फ यही मांग कर रहा है कि बच्ची के साथ इस तरह की हरकत करने वाला दरिंदा जल्द पकड़ में आना चाहिए.
कई टीमें कर रही काम : पुलिस अधिकारी इस मामले पर ज्यादा कुछ खुलकर नहीं बोल रहे हैं, लेकिन इस मामले में जानकारी मिली है कि कई टीमें काम कर रही हैं. इस रूट पर चलने वाली ट्रेनों की लिस्ट भी पता की जा रही है, जिससे संबंधित सुराग जुटाए जा रहे हैं. आसपास के इलाके के लोगों से भी पूछताछ की गई है. बच्ची की पहचान के लिए जगह-जगह लोगों तक पहुंच बनाई जा रही है. सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि बच्ची कौन है और कहां की रहने वाली है? जिससे उसके इलाके से संबंधित लोगों से जानकारी जुटाकर आरोपियों तक पहुंचा जा सके. पुलिस दावा कर रही है कि यह सब जल्दी कर लिया जाएगा. इसका मतलब यह भी है कि पुलिस के हाथ कुछ सुराग लगे हैं लेकिन फिलहाल जांच में किसी तरह का प्रभाव न पड़े उस सुराग को पुलिस मीडिया से साझा नहीं कर रही है. आखिर क्यों एक मासूम को इस तरह से घिनौनी हरकत का शिकार बनाकर झाड़ियों में फेंक दिया गया और सुरक्षा एजेंसी से जुड़े किसी व्यक्ति को इसकी भनक तक नहीं लगी. अगर वाकई बच्ची को चलती ट्रेन से बच्ची को फेंका गया है तो ये मामला और गंभीर सवाल को जन्म देगा.
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