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गाजियाबाद: मतगणना के लिए अनाज मंडियों का अधिग्रहण, व्यापारियों के सामने बड़ा संकट

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Published : Jan 19, 2022, 5:42 PM IST

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की मतगणना के मद्देनजर गाजियाबाद की अनाज मंडी को प्रशासन द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया है. सरकार के इस फैसले से आम व्यापारी और मजदूर परेशान हैं. अब उन्हें अपने व्यापार और रोजगार की चिंता सता रही है.

व्यापारियों के सामने बड़ा संकट
व्यापारियों के सामने बड़ा संकट

नई दिल्ली/गाजियाबाद: चुनाव के साथ-साथ मतगणना को लेकर भी तैयारियां काफी जोरों पर की जा रही हैं. गाजियाबाद में 10 फरवरी को होने वाले चुनाव के बाद ईवीएम पेटियों को कड़ी सुरक्षा में गोविंदपुरम अनाज मंडी में रखा जाना है. इसके चलते अनाज मंडी के व्यापारियों को मंडी खाली करने के लिए नोटिस दिया गया है. दो महीने के लिए प्रशासन द्वारा मंडी को अधिग्रहित करने के चलते व्यापारी नाराज है.

बता दें कि प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 12 मार्च तक मंडी में कार्य करने वाले व्यापारी अपना सामान नहीं रख पाएंगे. व्यापारियों का कहना है कि इससे व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. वहीं डेली वेजेस पर काम करने वाले मजदूरों को भी काफी परेशानी होगी.

व्यापारियों के सामने बड़ा संकट


मंडी के किराना व्यापारी शिव कुमार ने बताया कि बीते 15 जनवरी को दो महीने यानी 15 मार्च तक दुकाने बंद रखने का आदेश आया है. उनका कहना है कि सरकार के इस फरमान के बाद व्यापारी वर्ग दो महीने तक क्या करेगा. इतने लंबे अंतराल में तो सारे ग्राहक भी टूट जाएंगे. वहीं दूसरी बड़ी समस्या सामान रखने की है, व्यापारियों को इसके लिए कोई दूसरी जगह तलाशनी पड़ रही है.

मंडी के एक और अन्य व्यापारी अशोक कुमार का कहना है कि उनकी यहां रिटेल की दुकान है. उनके जैसे छोटे दुकानदार अगर दो महीनों तक दुकानबंद रखेंगे तो उनका रोजगार ठप हो जाएगा, और अगर ऐसा हुआ तो हम घर कैसे चलाएंगे.

सरकार के इस आदेश की गाज डेली वेजेस पर काम करने वाले मजदूरों पर भी पड़ी है. ऐसे ही एर मजदूर पप्पू का कहना है कि वह यहां बेलदारी करता है, लेकिन जब तक मंडी बंद रहेगी तब तक कोई रोजगार नहीं चलेगा. इसके चलते उनके पास जो कुछ भी है उसे ही जोड़-तोड़ कर गुजारा करना पड़ेगा.

आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मंडी को अधिग्रहण को लेकर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि अनाज मंडी में स्ट्रांग रूम बनाया जाता है, जिसके चलते मंडी का निरीक्षण कर लिया गया है. साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि धीरे-धीरे अनाज मंडी की दुकानें खाली करा दी जाए. इसके लिए लिखित आदेश पहले से जारी कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि हर निर्वाचन में यहां पर मतगणना स्थल बनाया जाता है.

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नई दिल्ली/गाजियाबाद: चुनाव के साथ-साथ मतगणना को लेकर भी तैयारियां काफी जोरों पर की जा रही हैं. गाजियाबाद में 10 फरवरी को होने वाले चुनाव के बाद ईवीएम पेटियों को कड़ी सुरक्षा में गोविंदपुरम अनाज मंडी में रखा जाना है. इसके चलते अनाज मंडी के व्यापारियों को मंडी खाली करने के लिए नोटिस दिया गया है. दो महीने के लिए प्रशासन द्वारा मंडी को अधिग्रहित करने के चलते व्यापारी नाराज है.

बता दें कि प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 12 मार्च तक मंडी में कार्य करने वाले व्यापारी अपना सामान नहीं रख पाएंगे. व्यापारियों का कहना है कि इससे व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. वहीं डेली वेजेस पर काम करने वाले मजदूरों को भी काफी परेशानी होगी.

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मंडी के किराना व्यापारी शिव कुमार ने बताया कि बीते 15 जनवरी को दो महीने यानी 15 मार्च तक दुकाने बंद रखने का आदेश आया है. उनका कहना है कि सरकार के इस फरमान के बाद व्यापारी वर्ग दो महीने तक क्या करेगा. इतने लंबे अंतराल में तो सारे ग्राहक भी टूट जाएंगे. वहीं दूसरी बड़ी समस्या सामान रखने की है, व्यापारियों को इसके लिए कोई दूसरी जगह तलाशनी पड़ रही है.

मंडी के एक और अन्य व्यापारी अशोक कुमार का कहना है कि उनकी यहां रिटेल की दुकान है. उनके जैसे छोटे दुकानदार अगर दो महीनों तक दुकानबंद रखेंगे तो उनका रोजगार ठप हो जाएगा, और अगर ऐसा हुआ तो हम घर कैसे चलाएंगे.

सरकार के इस आदेश की गाज डेली वेजेस पर काम करने वाले मजदूरों पर भी पड़ी है. ऐसे ही एर मजदूर पप्पू का कहना है कि वह यहां बेलदारी करता है, लेकिन जब तक मंडी बंद रहेगी तब तक कोई रोजगार नहीं चलेगा. इसके चलते उनके पास जो कुछ भी है उसे ही जोड़-तोड़ कर गुजारा करना पड़ेगा.

आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मंडी को अधिग्रहण को लेकर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि अनाज मंडी में स्ट्रांग रूम बनाया जाता है, जिसके चलते मंडी का निरीक्षण कर लिया गया है. साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि धीरे-धीरे अनाज मंडी की दुकानें खाली करा दी जाए. इसके लिए लिखित आदेश पहले से जारी कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि हर निर्वाचन में यहां पर मतगणना स्थल बनाया जाता है.

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