नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) की गारंटी पर कानून की मांग को लेकर तकरीबन 6 महीने से अधिक से दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर (Delhi Ghazipur Border) समेत राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों का आंदोलन (farmers movement) जारी है. आंदोलन लंबा चलना है. ऐसे में बंगाल से लौटने के बाद टिकैत (Tikat) ने गाजीपुर बॉर्डर पर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है.
पूरा पंडाल टीन शेड से वाटर प्रूफ बनेगा
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) और जगतार सिंह बाजवा ने शुक्रवार को मंच शेड निर्माण कार्य का जायजा लिया व कार्य में और तेजी लाने को कहा. राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार के साथ अब लंबी लड़ाई की सम्भावना को देखते हुए मंच को बेहद मजबूती से बनाया जा रहा है. पूरा पंडाल टीन शेड से वाटर प्रूफ बनेगा.
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मंच के साथ-साथ आंदोलन स्थल की अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि किसान अब आर पार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं. सरकार द्वारा किसानों का तरह तरह से छलने का प्रयास किया जा रहा है. इस समय फसलों की एमएसपी बढ़ाना भी छलावा मात्र है.
जब किसानों की फसल एमएसपी (MSP) पर बिकने की कोई गारंटी ही नहीं है तो एमएसपी (MSP) बढ़ाना औचित्यहीन हो जाता है. किसान अब सरकार के झांसे में आने वाले नहीं है तीनों काले कानूनों को रद्द कराए बिना किसान घर वापसी नहीं करेंगे.
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