नई दिल्ली/ गाजियाबाद: जनपद के डासना जेल में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जा रहा है. जेल प्रशासन ने जेल में बंद कैदियों से उनकी बहनों की मुलाकात के लिए विशेष व्यवस्था की है. करीब पांच हजार बहने जेल में बंद अपने भाइयों को राखी बांध चुकी हैं. इस बार व्हाट्सएप से राखी वाली व्यवस्था भी जेल प्रशासन ने की है.
जेल अधीक्षक आलोक कुमार ने बताया कि आज डासना जेल में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जा रहा है. पूरी तैयारी के साथ बहनों की मुलाकात उनके भाइयों से करवाई जा रही है. सुबह से करीब दो हजार बहने अपने भाइयों को राखी बांध चुके हैं. कैदियों की बहनों को उनके भाइयों से मिलवाने के लिए पहले से व्यवस्था कर दी गई थी. जेल के गेट से लेकर अंदर तक पीने के पानी की व्यवस्था भी बहनों के लिए मुख्य रूप से की गई है. जेल स्टाफ की तरफ से एक हेल्प डेस्क भी बनाया गया है. किसी भी बहन को अपने भाई से मिलने में कोई असुविधा होती है, तो वह हेल्प डेस्क की मदद ले सकती है. महिलाओं को बैठने की व्यवस्था दी जा रही है. जेल में बंद कैदियों की बहनों से उनकी मुलाकात काफी सुगमता से कराई जा रही है.
ब्रह्माकुमारियों ने भाइयों की कलाई में बांधी राखी
रक्षाबंधन पर कुछ ऐसे भी भाई गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं, जिनकी कलाई इसलिए सूनी रह गई थी, क्योंकि उनकी बहन या तो उनसे मिलने नहीं आई, या फिर उन कैदियों ने जब गुनाह का रास्ता पकड़ा, तो उनके अपने उन्हें हमेशा के लिए छोड़ गए थे. मगर इन्हीं कैदियों की सूनी कलाई पर खूबसूरत रिश्ते का धागा बांधने के लिए एक आश्रम की महिलाएं पहुंची. इन महिलाओं ने ना सिर्फ कैदियों की कलाई पर राखी बांधी, बल्कि उनके लिए नेकी के पथ पर चलने की कामना भी की.
गाजियाबाद में प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से संबंधित आश्रम मौजूद है. यहां से करीब 50 की संख्या में महिलाएं और पुरुष आज गाजियाबाद की डासना जेल पहुंचे. महिलाओं ने सूनी कलाई की वजह से बेबस कैदियों की कलाई पर राखी बांधी और उनके लिए अच्छे भविष्य की कामना भी की. साथ ही उन्हें प्रेरणात्मक शब्द भी कहे कि वह आने वाले वक्त में अच्छे रास्ते पर चलें और समाज निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें.
हालांकि, कुछ ऐसे कैदियों की कलाई पर भी इन महिलाओं ने राखी बांधी जिनकी बहनें आज जेल में उनसे मिलकर राखी बांध चुकी थी. मगर सभी कैदियों ने आश्रम से जेल में आई महिलाओं से वादा किया कि वह उनके राखी के धागे का फर्ज अदा जरूर करेंगे और आने वाले वक्त में खुद को सत्य और नेकी के रास्ते पर चलने के लिए अग्रसर होंगे.
ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से आई महिला ने बताया कि हमारी संस्था मेडिटेशन का कार्य करती है. जिन लोगों में बदले की या हीन भावना है, वह कुछ गलती कर बैठते हैं. उस गलती की सजा उन्हें जेल जाकर मिलती है. मगर भगवान का यह मैसेज होता है कि सभी बुराइयां छोड़ देनी चाहिए. हमने कैदियों को यह बताया है कि जो गलती आपसे हुई है वह दोबारा ना हो. इस बात का पश्चाताप आपको होना चाहिए. महिला ने बताया की कैदियों को धागा बांधते हुए आश्रम से आई बहनों ने यही कामना भी की है की भाई अपने जीवन में नेकी के रास्ते पर चलें.
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