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मुरादनगर: रक्षाबंधन और ईद उल अज़हा जैसे त्योहारों पर भी कपड़ा व्यापार ठप

गाजियाबाद के मुरादनगर इलाके में कपड़ा व्यापारियों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि जहां पहले रक्षाबंधन और बकरीद ईद को लेकर बाजारों में काफी भीड़ रहती थी. वहीं इस बार लॉकडाउन की वजह से लोगों पर पैसे नहीं होने से इन त्यौहारों पर बिल्कुल भी दुकानदारी नहीं हो रही है.

Textile traders from Muradnagar of Ghaziabad talked with ETV BHARAT
कपड़ा व्यापारी
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Published : Jul 28, 2020, 3:56 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना काल के बीच भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने वाला त्योहार रक्षाबंधन के आने में चंद दिन बाकी रह गए हैं. इसके साथ ही मुस्लिम समुदाय का ईद उल अज़हा (बकरीद ईद) का त्योहार भी आ रहा है. लगभग दोनों त्योहार आने में चंद दिन बाकी हैं, ऐसे में बाजारों में रौनक दिखाई देती है, खासकर महिलाएं इन त्योहारों पर खरीदारी करती नजर आती हैं. ऐसे में कैसे हैं कपड़ा व्यापारियों के हालात, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने कपड़ा व्यापारियों से की खास बातचीत.

मुरादनगर इलाके में कपड़ा व्यापारियों ने ईटीवी भारत से बात
ईटीवी भारत को कपड़ा व्यापारी मोहम्मद आमिर ने बताया कि इस बार त्योहारों पर कुछ भी दुकानदारी नहीं है. वह जैसे माल लाए थे, वैसा का वैसा ही रखा हुआ है. कोई कपड़ा नहीं बिक रहा है और अगर पिछली बार के त्योहारों की बात की जाए, तो इन दिनों में उनको खाना-खाने की भी फुर्सत नहीं मिलती थी, लेकिन इस बार रक्षाबंधन और ईद उल अज़हा को लेकर कुछ भी दुकानदारी नहीं है.
कपड़ा दुकानों पर नहीं आ रहे हैं ग्राहक
ईटीवी भारत को कपड़े के दुकानदार आशु शर्मा ने बताया कि इस बार कपड़े के काम पर बहुत अधिक फर्क पड़ा है. जैसे की रक्षाबंधन के त्योहार पर महिलाओं के लिए कपड़ों की खरीदारी की जाती थी, लेकिन इस बार लोग कपड़े ना खरीद कर अपनी बहनों को पैसे दे रहे हैं. पहले इन त्योहारों पर इतनी दुकानदारी होती थी कि उनको कपड़े का माल लेने के लिए बार-बार दिल्ली जाना पड़ता था. लेकिन इस बार 30 से 40% तक का नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिसकी वजह से दुकान के खर्चे भी नहीं निकल रहे हैं.वहीं मुरादनगर में 60 साल से कपड़ों की दुकान चला रहे दुकानदार मनोज कुमार ने बताया कि इस साल उनके पास बिल्कुल भी काम नहीं है, बमुश्किल ही 25 से 30% उनकी दुकानदारी रह गई है. पहले दुकानों पर इन दिनों में बहुत काम रहता था, लेकिन इस बार काम ना होने की वजह से उनको नुकसान हो रहा है.

नई दिल्ली: कोरोना काल के बीच भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने वाला त्योहार रक्षाबंधन के आने में चंद दिन बाकी रह गए हैं. इसके साथ ही मुस्लिम समुदाय का ईद उल अज़हा (बकरीद ईद) का त्योहार भी आ रहा है. लगभग दोनों त्योहार आने में चंद दिन बाकी हैं, ऐसे में बाजारों में रौनक दिखाई देती है, खासकर महिलाएं इन त्योहारों पर खरीदारी करती नजर आती हैं. ऐसे में कैसे हैं कपड़ा व्यापारियों के हालात, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने कपड़ा व्यापारियों से की खास बातचीत.

मुरादनगर इलाके में कपड़ा व्यापारियों ने ईटीवी भारत से बात
ईटीवी भारत को कपड़ा व्यापारी मोहम्मद आमिर ने बताया कि इस बार त्योहारों पर कुछ भी दुकानदारी नहीं है. वह जैसे माल लाए थे, वैसा का वैसा ही रखा हुआ है. कोई कपड़ा नहीं बिक रहा है और अगर पिछली बार के त्योहारों की बात की जाए, तो इन दिनों में उनको खाना-खाने की भी फुर्सत नहीं मिलती थी, लेकिन इस बार रक्षाबंधन और ईद उल अज़हा को लेकर कुछ भी दुकानदारी नहीं है.
कपड़ा दुकानों पर नहीं आ रहे हैं ग्राहक
ईटीवी भारत को कपड़े के दुकानदार आशु शर्मा ने बताया कि इस बार कपड़े के काम पर बहुत अधिक फर्क पड़ा है. जैसे की रक्षाबंधन के त्योहार पर महिलाओं के लिए कपड़ों की खरीदारी की जाती थी, लेकिन इस बार लोग कपड़े ना खरीद कर अपनी बहनों को पैसे दे रहे हैं. पहले इन त्योहारों पर इतनी दुकानदारी होती थी कि उनको कपड़े का माल लेने के लिए बार-बार दिल्ली जाना पड़ता था. लेकिन इस बार 30 से 40% तक का नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिसकी वजह से दुकान के खर्चे भी नहीं निकल रहे हैं.वहीं मुरादनगर में 60 साल से कपड़ों की दुकान चला रहे दुकानदार मनोज कुमार ने बताया कि इस साल उनके पास बिल्कुल भी काम नहीं है, बमुश्किल ही 25 से 30% उनकी दुकानदारी रह गई है. पहले दुकानों पर इन दिनों में बहुत काम रहता था, लेकिन इस बार काम ना होने की वजह से उनको नुकसान हो रहा है.
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