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मोदीनगर में बंदर पकड़ने का काम शुरू नहीं करने पर टेंडर निरस्त, FIR दर्ज

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Published : Dec 19, 2020, 3:27 PM IST

मोदीनगर में बंदर पकड़ने का टेंडर लेने और उस पर काम शुरू नहीं करने पर टेंडर निरस्त कर दिया गया है. साथ ही ठेकेदार पर एफआईआर भी दर्ज की गई है.

Tender for capturing Bandar canceled in Modinagar
मोदीनगर में बंदर पकड़ने का टेंडर निरस्त

गाजियाबाद/नई दिल्ली: मोदीनगर नगर पालिका परिषद के चेयरमैन ने बताया कि टेंडर लेने के बाद काम शुरू ना करने वाले ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है और दूसरे ठेकेदार को टेंडर दे दिया गया है.

मोदीनगर में बंदर पकड़ने का टेंडर निरस्त

15 दिसंबर को सौंपा गया था टेंडर

वन विभाग की एनओसी मिलने के बाद मोदीनगर नगर पालिका परिषद ने 15 दिसंबर को मथुरा के एक ठेकेदार को बंदर पकड़ने का टेंडर सौंपा था, लेकिन ठेकेदार के बंदर पकड़ने के टेंडर शुरू न करने के बाद उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. मोदीनगर नगर पालिका परिषद के चेयरमैन अशोक माहेश्वरी ने बताया कि बंदर पकड़ने के लिए जिसका सबसे कम दामों में टेंडर आया था. उसका वर्क ऑर्डर तैयार कर दिया गया था, लेकिन पता नहीं वह किन कारणों से काम पर नहीं आया है.

ये भी पढ़ें: गाजियाबाद के UP गेट पर किसानों ने बसाया छोटा सा गांव, इलाज की तमाम सुविधाएं मौजूद



दूसरे ठेकेदार को दिया गया टेंडर

लेकिन बंदरों को पकड़ने के काम में देरी नहीं की जा सकती. इसीलिए टेंडर में दूसरे नम्बर पर कम दाम देने वाले को काम सौंप दिया गया है. इसके बाद पहले वाले टेंडर लेने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है.

गाजियाबाद/नई दिल्ली: मोदीनगर नगर पालिका परिषद के चेयरमैन ने बताया कि टेंडर लेने के बाद काम शुरू ना करने वाले ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है और दूसरे ठेकेदार को टेंडर दे दिया गया है.

मोदीनगर में बंदर पकड़ने का टेंडर निरस्त

15 दिसंबर को सौंपा गया था टेंडर

वन विभाग की एनओसी मिलने के बाद मोदीनगर नगर पालिका परिषद ने 15 दिसंबर को मथुरा के एक ठेकेदार को बंदर पकड़ने का टेंडर सौंपा था, लेकिन ठेकेदार के बंदर पकड़ने के टेंडर शुरू न करने के बाद उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. मोदीनगर नगर पालिका परिषद के चेयरमैन अशोक माहेश्वरी ने बताया कि बंदर पकड़ने के लिए जिसका सबसे कम दामों में टेंडर आया था. उसका वर्क ऑर्डर तैयार कर दिया गया था, लेकिन पता नहीं वह किन कारणों से काम पर नहीं आया है.

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दूसरे ठेकेदार को दिया गया टेंडर

लेकिन बंदरों को पकड़ने के काम में देरी नहीं की जा सकती. इसीलिए टेंडर में दूसरे नम्बर पर कम दाम देने वाले को काम सौंप दिया गया है. इसके बाद पहले वाले टेंडर लेने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है.

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