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गाजियाबाद: योगी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे शिक्षक, निकाला मशाल जुलूस

शिक्षकों ने इकट्ठा होकर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले मशाल जुलूस निकाला और अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया.

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Published : Oct 11, 2019, 1:11 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: यूपी सरकार के खिलाफ शिक्षकों ने जिला मुख्यालय पर मशाल जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने पुरानी पेंशन, प्रेरणा ऐप समेत कई मांगों को लेकर प्रदर्शन किया है.

शिक्षकों द्वारा नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन करते हुएं

सरकार के खिलाफ नारेबाजी

गाजियाबाद में गुरुवार को जिला मुख्यालय पर भारी तादाद में शिक्षकों ने इकट्ठा होकर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले मशाल जुलूस निकाला और अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान शिक्षकों ने हाथों में मशाल लेकर शिक्षक एकता जिंदाबाद के नारे लगाए.

विरोधी नीतियों के विरुद्ध शिक्षक संघ

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि शिक्षकों को सरकार राष्ट्र निर्माता कहती है, लेकिन सरकार की शिक्षक विरोधी नीतियों के विरुद्ध आज शिक्षकों को सड़क पर उतरना पड़ रहा है.

शिक्षकों की प्रमुख मांगे जो निम्न है...

⦁ 'प्रेरणा ऐप' प्रणाली परिषदीय विद्यालयों में लागू करने पर तत्काल रोक लगाई जाए.

⦁ उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल 2005 से पूर्व लागू पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए.

⦁ उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा के प्रत्येक विद्यालय में लिपिक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति की जाए.

⦁ एक ही परिसर में स्थित एक से अधिक प्रथमिक अथवा उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संविलियन पर रोक लगाई जाए.

⦁ शिक्षकों को उनके गृह जनपदों में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण शीघ्र किए जाएं.

⦁ प्रदेश के शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति एसीपी व कैशलेस चिकित्सा का लाभ दिया जाए.

सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखने के लिए जिला मुख्यालय पर पिछले एक महीने में शिक्षकों द्वारा कई प्रदर्शन किए जा चुके हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: यूपी सरकार के खिलाफ शिक्षकों ने जिला मुख्यालय पर मशाल जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने पुरानी पेंशन, प्रेरणा ऐप समेत कई मांगों को लेकर प्रदर्शन किया है.

शिक्षकों द्वारा नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन करते हुएं

सरकार के खिलाफ नारेबाजी

गाजियाबाद में गुरुवार को जिला मुख्यालय पर भारी तादाद में शिक्षकों ने इकट्ठा होकर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले मशाल जुलूस निकाला और अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान शिक्षकों ने हाथों में मशाल लेकर शिक्षक एकता जिंदाबाद के नारे लगाए.

विरोधी नीतियों के विरुद्ध शिक्षक संघ

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि शिक्षकों को सरकार राष्ट्र निर्माता कहती है, लेकिन सरकार की शिक्षक विरोधी नीतियों के विरुद्ध आज शिक्षकों को सड़क पर उतरना पड़ रहा है.

शिक्षकों की प्रमुख मांगे जो निम्न है...

⦁ 'प्रेरणा ऐप' प्रणाली परिषदीय विद्यालयों में लागू करने पर तत्काल रोक लगाई जाए.

⦁ उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल 2005 से पूर्व लागू पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए.

⦁ उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा के प्रत्येक विद्यालय में लिपिक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति की जाए.

⦁ एक ही परिसर में स्थित एक से अधिक प्रथमिक अथवा उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संविलियन पर रोक लगाई जाए.

⦁ शिक्षकों को उनके गृह जनपदों में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण शीघ्र किए जाएं.

⦁ प्रदेश के शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति एसीपी व कैशलेस चिकित्सा का लाभ दिया जाए.

सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखने के लिए जिला मुख्यालय पर पिछले एक महीने में शिक्षकों द्वारा कई प्रदर्शन किए जा चुके हैं.

Intro:प्रदेश सरकार के खिलाफ शिक्षकों ने जिला मुख्यालय पर मशाल जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. पुरानी पेंशन, प्रेरणा ऐप समेत कई मांगों को लेकर किया प्रदर्शन.


Body:गाज़ियाबाद: गुरुवार को जिला मुख्यालय पर भारी तादाद में शिक्षकों ने इकट्ठा होकर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले मशाल जुलूस निकाला और अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नाज़रेबाज़ी कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान शिक्षकों ने हाथों में मशाले लेकर 'शिक्षक एकता जिंदाबाद' के नारे लगाए जिससे उनका विरोध साफ तौर पर ज़ाहिर हो रहा था.

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि शिक्षकों को सरकार राष्ट्र निर्माता कहती है लेकिन सरकार की शिक्षक विरोधी नीतियों के विरुद्ध आज शिक्षकों को सड़क पर उतरना पड़ रहा है.

शिक्षकों की प्रमुख मांगे निम्न है

-- 'प्रेरणा ऐप' प्रणाली परिषदीय विद्यालयों में लागू करने पर तत्काल रोक लगाई जाए.

-- उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल 2005 से पूर्व लागू पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए.

-- उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा के प्रत्येक विद्यालय में लिपिक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति की जाए.

-- एक ही परिसर में स्थित एक से अधिक प्रथमिक अथवा उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संविलियन पर रोक लगाई जाए.

-- शिक्षकों को उनके गृह जनपदों में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण शीघ्र किए जाएं.

-- प्रदेश के शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति एसीपी व कैशलेस चिकित्सा का लाभ दिया जाए.



Conclusion:सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखने के लिए जिला मुख्यालय पर पिछले एक महीने में शिक्षकों द्वारा कई प्रदर्शन किए जा चुके हैं.
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