नई दिल्ली : देश के सबसे प्रदूषित शहरों में ग़ाज़ियाबाद का भी नाम शुमार है. साल में तकरीबन पांच महीने शहरवासी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर होते हैं. हवा में घुल रहे प्रदूषण स्तर को कम करने के लगातार जिला प्रशासन, नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कवायद की जा रही है.
हालांकि प्रदूषण को कम करने में आम लोगों की भी उतनी ही जिम्मेदारी है जितनी प्रशासन और निगम की है. प्रदीप डालिया पेशे से मैकेनिक हैं और वर्कशॉप चलाते हैं. इसके साथ ही वह पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी बड़े स्तर पर काम कर रहे हैं.
प्रदीप ने ऑर्गेनिक फार्म तैयार कर रखा है. जहां पर मैं ऑर्गेनिक खेती करते हैं. साथ ही फार्म में छोटे-छोटे पौधे तैयार करते हैं. पौधों को तैयार करने के पीछे वजह है प्रदूषण को कम करना.
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वह पौधों को लोगों को मुफ्त वितरित करते हैं. कोई भी उनके ऑर्गेनिक फार्म से मुफ्त पौधे ले जा सकता है. शर्त यह है कि पौधे ले जाने के बाद पौधा लगाना है और उसकी गूगल लोकेशन इमेज उन्हें भेजनी है.
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प्रदीप दाहलिया के मुताबिक वे 2014 से 2022 तक तकरीबन दो लाख पौधे लगा चुके हैं. प्रदीप राज नगर में नए बस अड्डा-रेलवे स्टेशन के पास ग्रीन इंडिया ऑर्गेनिक फार्म चलाते हैं. प्रदीप बताते हैं कि वह तक़रीबन दो सालों से ट्री बैंक (Tree Bank) चला रहे हैं. ट्री बैंक के माध्यम से वे लोगों को मुफ्त पौधे उपलब्ध कराते हैं.
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फ्री में पौधा देने से पहले उनकी शर्त होती है कि पौधा लेकर जाने के बाद उसे लगाना होगा और लगाने के बाद जीपीएस लोकेशन इमेज उन्हें व्हाट्सएप पर भेज देनी होगी. जिससे कि वे संतुष्ट हो जाएं कि उनके द्वारा दिया गया पौधा रोप दिया गया है. 2022 में वे तकरीबन 314 लोगों को बांट चुके हैं.
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प्रदीप बताते हैं कि ग़ाज़ियाबाद बेहद प्रदूषित शहर है. ऐसे में प्रदूषण को कम करने के लिए पेड़ लगाना बहुत जरूरी हो गया है. उनके जीवन का लक्ष्य 11 लाख पौधे लगाना है. इतना ही नहीं वह अपने फार्म में ऑर्गेनिक खाद और और सब्जियां भी तैयार करते हैं.