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लॉकडाउन में काम हुआ ठप तो दर्जी सिलने लगा मास्क

लॉकडाउन के दौरान गाजियाबाद के एक दर्जी ने पैसे कमाने का एक अलग तरीका सोचा है. दरअसल, गाजियाबाद का एक दर्जी जयप्रकाश दर्जी का काम करते है और लॉकडाउन के दौरान उनका काम ठप हो गया है, जिसके चलते उन्होने मास्क बनाने का काम शुरू किया.

Tailor stitched mask when work was stopped in lockdown
लॉकडाउन के बीच दर्जी ने बनाए मास्क
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Published : May 3, 2020, 5:06 PM IST

नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान कई लोगों का काम ठप पड़ गया हैं, जिसके चलते वे लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. इसी बीच गाजियाबाद के एक दर्जी जयप्रकाश ने पैसे कमाने का एक नया तरीका सोचा. जयप्रकाश ने मेडिकल स्टोर पर बिकने वाले मास्क अपनी दुकान में बचे हुए कपड़े से सिलने का काम शुरू किया है, जिससे की उसका गुजारा हो सकें.

लॉकडाउन के बीच दर्जी ने बनाए मास्क

ईद का त्यौहार आने से पहले अक्सर सिलाई का काम करने वाले दर्जीयों के पास इतना काम होता था कि उनको बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता था, जिसकी वजह से वह दिन-रात जागकर ईद के लिए लोगों के कपड़े तैयार करते थे.

इस बार लाॅकडाउन के चलते कपड़ो की सिलाई करने वाले दर्जी बेरोजगार बैठे हैं. इसलिए अपने घर परिवार का खर्चा चलाने के लिए एक दर्जी ने कपड़े से बने मास्क सिलकर अपना रोजगार शुरू किया है. इन मास्क की क्या खासियत है, इसको लेकर दर्जी से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

ईटीवी भारत को जयप्रकाश ने बताया कि लाॅकडाउन की वजह से उनका काम बंद हो गया है. इसकी वजह से उनको काफी परेशानी हो रही हैं. लेकिन उन्होने देखा कि लोग मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं. तो उन्होंने एक मास्क का नाप लेकर उसके जैसे ही अपनी दुकान में बचे हुए रखे कपड़े से मास्क सिलने का काम शुरू कर दिया.

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि एक मास्क को सिलने में उन्हे 10 मिनट का समय लगता है और उन्होने एक मास्क की कीमत 20 रुपये रखी है. इसके साथ ही उनका कहना है कि इस से उनके घर का खर्चा तो नहीं चलेगा लेकिन वह इस माध्यम से समाज सेवा कर रहे हैं.

नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान कई लोगों का काम ठप पड़ गया हैं, जिसके चलते वे लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. इसी बीच गाजियाबाद के एक दर्जी जयप्रकाश ने पैसे कमाने का एक नया तरीका सोचा. जयप्रकाश ने मेडिकल स्टोर पर बिकने वाले मास्क अपनी दुकान में बचे हुए कपड़े से सिलने का काम शुरू किया है, जिससे की उसका गुजारा हो सकें.

लॉकडाउन के बीच दर्जी ने बनाए मास्क

ईद का त्यौहार आने से पहले अक्सर सिलाई का काम करने वाले दर्जीयों के पास इतना काम होता था कि उनको बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता था, जिसकी वजह से वह दिन-रात जागकर ईद के लिए लोगों के कपड़े तैयार करते थे.

इस बार लाॅकडाउन के चलते कपड़ो की सिलाई करने वाले दर्जी बेरोजगार बैठे हैं. इसलिए अपने घर परिवार का खर्चा चलाने के लिए एक दर्जी ने कपड़े से बने मास्क सिलकर अपना रोजगार शुरू किया है. इन मास्क की क्या खासियत है, इसको लेकर दर्जी से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

ईटीवी भारत को जयप्रकाश ने बताया कि लाॅकडाउन की वजह से उनका काम बंद हो गया है. इसकी वजह से उनको काफी परेशानी हो रही हैं. लेकिन उन्होने देखा कि लोग मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं. तो उन्होंने एक मास्क का नाप लेकर उसके जैसे ही अपनी दुकान में बचे हुए रखे कपड़े से मास्क सिलने का काम शुरू कर दिया.

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि एक मास्क को सिलने में उन्हे 10 मिनट का समय लगता है और उन्होने एक मास्क की कीमत 20 रुपये रखी है. इसके साथ ही उनका कहना है कि इस से उनके घर का खर्चा तो नहीं चलेगा लेकिन वह इस माध्यम से समाज सेवा कर रहे हैं.

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