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गाजियाबाद: स्टूडेंट्स ने अनइंस्टॉल किया टिक टॉक, भारतीय विकल्प का है इंतजार - सोशल मीडिया

राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में चीन के एप्स पर प्रतिबंध लगने के बाद युवा चीनी एप्स को रिमूव कर रहे हैं. स्टूडेंट्स का कहना है कि टिक टॉक जैसी एप्लीकेशन काफी लोकप्रिय हुई है लेकिन जो भारत के लिए खतरा हो ऐसा ऐप वो नहीं रखना चाहते हैं.

Students uninstalled Tik Tok in Ghaziabad
गाजियाबाद में स्टूडेंट्स ने अनइंस्टॉल किया टिक टॉक
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Published : Jun 30, 2020, 2:07 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: चीन के एप्स पर प्रतिबंध लगने के बाद गाजियाबाद में युवा जमकर चीनी एप्स को रिमूव कर रहे हैं. स्टूडेंट्स का कहना है कि सरकार ने बहुत अच्छा कदम उठाया है. स्टूडेंट्स ने पहले से ही काफी चाइना ऐप रिमूव कर दिए थे. स्टूडेंट्स का ये भी कहना है कि टिक टॉक जैसी एप्लीकेशन काफी लोकप्रिय हुई है लेकिन जो भारत के लिए खतरा हो ऐसा ऐप वो नहीं रखना चाहते हैं. टिक टॉक की जगह किसी अन्य भारतीय ऐप का इस्तेमाल करेंगे.

गाजियाबाद में स्टूडेंट्स ने अनइंस्टॉल किया टिक टॉक

भारत का ऐप इस्तेमाल करो

स्टूडेंस सोशल मीडिया पर यही मैसेज दे रहे हैं कि भारतीय एप्स का ही इस्तेमाल करें. कई स्टूडेंट्स ऐसे भी मिले, जिनके टिक टॉक जैसी एप्लीकेशन पर हजारों फॉलोअर हैं. उसके बावजूद उनका यह कहना है कि उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता कि टिक टॉक उनके फोन में से रिमूव हो जाए क्योंकि सुरक्षा सर्वोपरि है. उसके सामने किसी भी तरह का समझौता नहीं कर सकते हैं.

चाइना का ऐप है मांगता अधिक परमिशन

स्टूडेंट्स का कहना है कि टिक टॉक जैसी एप्लीकेशन के अलावा कई अन्य चाइनीस एप्लीकेशन डाउनलोड करने के बाद सबसे पहले परमिशन देनी पड़ती है. पर आम एप्स के मुकाबले चाइनीस ऐप ज्यादा परमिशन मांगते हैं जो ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है.

कई चाइनीस ऐप तो फोन की स्टोरेज और कांटेक्ट के अलावा, कैमरा एक्सेस और मैसेज तक एक्सेस करते हैं. जिससे सारा डाटा चोरी होने का खतरा बना रहता है. इसलिए कई स्टूडेंट्स हमें ऐसे मिले जिन्होंने कहा कि वह पहले से ही चाइना की एप्लीकेशन अपने फोन से रिमूव कर चुके थे.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: चीन के एप्स पर प्रतिबंध लगने के बाद गाजियाबाद में युवा जमकर चीनी एप्स को रिमूव कर रहे हैं. स्टूडेंट्स का कहना है कि सरकार ने बहुत अच्छा कदम उठाया है. स्टूडेंट्स ने पहले से ही काफी चाइना ऐप रिमूव कर दिए थे. स्टूडेंट्स का ये भी कहना है कि टिक टॉक जैसी एप्लीकेशन काफी लोकप्रिय हुई है लेकिन जो भारत के लिए खतरा हो ऐसा ऐप वो नहीं रखना चाहते हैं. टिक टॉक की जगह किसी अन्य भारतीय ऐप का इस्तेमाल करेंगे.

गाजियाबाद में स्टूडेंट्स ने अनइंस्टॉल किया टिक टॉक

भारत का ऐप इस्तेमाल करो

स्टूडेंस सोशल मीडिया पर यही मैसेज दे रहे हैं कि भारतीय एप्स का ही इस्तेमाल करें. कई स्टूडेंट्स ऐसे भी मिले, जिनके टिक टॉक जैसी एप्लीकेशन पर हजारों फॉलोअर हैं. उसके बावजूद उनका यह कहना है कि उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता कि टिक टॉक उनके फोन में से रिमूव हो जाए क्योंकि सुरक्षा सर्वोपरि है. उसके सामने किसी भी तरह का समझौता नहीं कर सकते हैं.

चाइना का ऐप है मांगता अधिक परमिशन

स्टूडेंट्स का कहना है कि टिक टॉक जैसी एप्लीकेशन के अलावा कई अन्य चाइनीस एप्लीकेशन डाउनलोड करने के बाद सबसे पहले परमिशन देनी पड़ती है. पर आम एप्स के मुकाबले चाइनीस ऐप ज्यादा परमिशन मांगते हैं जो ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है.

कई चाइनीस ऐप तो फोन की स्टोरेज और कांटेक्ट के अलावा, कैमरा एक्सेस और मैसेज तक एक्सेस करते हैं. जिससे सारा डाटा चोरी होने का खतरा बना रहता है. इसलिए कई स्टूडेंट्स हमें ऐसे मिले जिन्होंने कहा कि वह पहले से ही चाइना की एप्लीकेशन अपने फोन से रिमूव कर चुके थे.

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