नई दिल्ली/गाजियाबादः दिल्ली एनसीआर में बढ़ते हुए प्रदूषण की वजह से अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है. सबसे ज्यादा परेशानी प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए है. गाजियाबाद में महिला जिला अस्पताल की सीएमएस, डॉक्टर संगीता का कहना है कि बढ़ते प्रदूषण का नकारात्मक असर प्रेग्नेंट महिलाओं के होने वाले बच्चे पर भी पड़ सकता है.
हवा पर दबाव बढ़ने की वजह से सांस लेना मुश्किल हो रहा है. इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को इस समय घर से बाहर निकलना पूरी तरह अवॉइड करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को सांस लेने में तकलीफ होने से उनके बच्चे पर उसका बुरा असर पड़ सकता है. डॉक्टर संगीता ने प्रेग्नेंट महिलाओं को घर में ही अधिक समय बिताने की सलाह दी है.
बच्चे की सेहत का विशेष ख्याल
इस समय की स्थिति ट्रिपल अटैक जैसी है. एक तरफ मौसम में बदलाव आया है, जिसके बाद सर्दी जुकाम और खांसी की तकलीफ बढ़ रही है. वहीं दूसरी तरफ कोरोना खतरा जमीन पर फैला हुआ है, जिससे मास्क लगाकर ही बचा जा सकता है. वहीं आसमान में छाया हुआ स्मोक तकलीफ दे रहा है.
सभी से बचने का एक ही उपाय है कि गर्भवती महिलाएं घरों से बाहर कम से कम निकलें. अस्पताल में भी प्रदूषण से बचाव के विशेष इंतजाम महिला वार्ड में किए गए हैं. बच्चे की सेहत का विशेष ख्याल रखना बेहद जरूरी है. उसके लिए माता की इम्युनिटी को लेकर भी विशेष सावधानी बरतनी है.
ऑक्सीजन की कमी से कुपोषित हो सकता बच्चा
डॉक्टरों ने साफ तौर पर सलाह दी है कि हवा पर जो प्रदूषण का दबाव बढ़ रहा है, उससे ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. ऐसे मौसम में साफ हवा नहीं मिल पाने से और ऑक्सीजन की कमी की वजह से गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे प्रभावित हो सकते हैं. ऑक्सीजन की कमी से उनमे कुपोषण जैसी समस्या भी आ सकती है. इसलिए ज्यादा एहतियात रखना आने वाले नन्हे मेहमान के लिए जरूरी है.