नई दिल्ली/गाजियाबादः नवरात्र के पवित्र दिनों में आज हम आपको, एनसीआर के एक ऐसे मंदिर में लेकर चलते हैं, जहां देवी मां ने खुद प्रकट होकर, राक्षसों से भक्तों की जान बचाई थी. हम गाजियाबाद के मोदी नगर के सीकरी गांव में स्थित महामाया मंदिर की बात कर रहे हैं. इस मंदिर की मान्यता करीब सैकड़ों साल पुरानी है. कहा जाता है कि प्राचीन काल में देवी मां यहां खुद प्रकट हुई थी और गुफा में भक्तों को छुपा कर राक्षस से उनकी जान बचाई थी. तभी से मंदिर की मान्यता चली आ रही है.
बरगद का पेड़ है खास
नवरात्रों में यहां श्रद्धालुओं का काफी जमावड़ा लगता है. हालांकि कोरोना काल की वजह से इस बार सीकरी में होने वाला मेला आयोजित नहीं हो पाया था. वहीं आपको बता दें कि महामाया मंदिर में स्थित एक बरगद के पेड़ का भी अलग महत्व है. इस बरगद के पेड़ पर मन्नत का धागा बांधकर जो भी मांगा जाता है, वो पूरा होता है. इसी बरगद के पेड़ पर 1857 की क्रांति में करीब डेढ़ सौ क्रांतिकारियों को फांसी के तख्ते पर लटका दिया गया था. उन क्रांतिकारियों को भी यहां के ग्रामीण पूजनीय मानते हैं.
पूरी होती है हर मन्नत
महामाया मंदिर में नवरात्र के दौरान माता के दर्शन के लिए आए भक्तों ने बताया कि उन्होंने मंदिर में माता से जो भी मांगा, वह पूरा हुआ है. एक भक्त ने बताया कि लंबे समय तक जब बच्चा पैदा नहीं हुआ, तो माता के दरबार में आए और माता ने सुन ली. इसलिए दोबारा आए हैं. इस बार बच्चे के साथ हैं. वहीं एक भक्त ने बताया कि माता की कृपा से व्यापार ठीक चल रहा है. समय के साथ-साथ मंदिर की आस्था बढ़ती जा रही है.