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Sawan Special: सावन में महिलाएं क्यों पहनती हैं हरे कपड़े और हरी चूड़ियां, जानिए

सावन के महीने में श्रृंगार का बहुत महत्व होता है. श्रृंगार विवाहित महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक है. वहीं इस महीने में हरे रंग का विशेष महत्व (Green Color Importance in Sawan) होता है. सावन में मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है. सावन में झूला झूलने का भी विशेष महत्व है.

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Published : Aug 10, 2022, 11:55 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः देवा दी देव महादेव का पवित्र महीना सावन इन दिनों आखिरी चरण में है. बाबा भोलेनाथ को यह माह अति प्रिय है. सावन के सोमवार में बाबा की विशेष कृपा अपने भक्तों पर होती है, लेकिन इसी माह में ऐसे विशेष दिन भी हैं जो सावन के महीने में और भी खास हो जाते हैं. जहां पुरुष बाबा भोलेनाथ पर गंगा जल अर्पित करते हैं. वहीं, महिलाएं सोमवार को विशेष व्रत भी रखती हैं. कहा जाता है कि इस महीने में भगवान शिव से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है.

हाल ही में तीज बीता है और गुरुवार को रक्षाबंधन भी है. इस कारण यह सावन का महीना महिलाओं के लिए और भी विशेष हो गया है. पहले जहां सभी सोमवार का व्रत वह पति के लिए रखीं. वहीं अब भाई की रक्षा के लिए महिलाएं खूब तैयारियां कर रही हैं. बाजार में राखियों से बाजार पटा पड़ा है. लोग रंग-बिरंगी राखियां खरीद रही हैं. वहीं दूर रहनेवाले भाई के लिए बहनें पोस्ट के जरिए भी राखी भेजती हैं. वहीं भाई भी बहन के लिए तोहफे खरीद रहे हैं.

सावन के महीने की महत्ता



यह सभी नजारे इस खास महीने सावन में ही देखने को मिलते हैं. कई महिलाओं ने बताया कि यह पूरा महीना भगवान शिव की पूजा-अर्चना और व्रत में बीत जाता है. इसके साथ ही, वह खरीदारी से लेकर मिठाई बनाने तक में व्यस्त रहती हैं. अभी बाजार में महिलाएं राखी खरीदने में व्यस्त हैं. इससे बाजार में काफी रौनक बढ़ गया है. इससे मार्केट और इकोनॉमी पर भी पॉजिटिव प्रभाव पड़ रहा है.

हाल ही में तीज बीता है और गुरुवार को रक्षाबंधन भी है.
हाल ही में तीज बीता है और गुरुवार को रक्षाबंधन भी है.


महिलाओं में इस महीने होता है हरे रंग का क्रेज

सावन में महिलाएं हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां (Green Clothes and Bangles) पहनती हैं. हिंदू धर्म में मान्यता है कि हरा रंग भगवान शिव को काफी प्रिय होता है. वहीं, लाल रंग सुहागिनों का रंग होता है. इससे श्रृंगार करके वह खुद को काफी प्रसन्न महसूस करती हैं. वहीं एक मान्यता यह भी है कि चूंकि इस महीने अच्छी बारिश होती है और हमारे आसपास के पेड़-पौधों में जान आ जाती है. छोटे-बड़े पशु-पक्षी भी तरो-ताजा हो जाते हैं. इस कारण महिलाएं भी हरे कपड़े (Green Color Importance in Sawan) धारण करती हैं ताकि वह प्रकृति को हरियाली से भर सके.

हाल ही में तीज बीता है और गुरुवार को रक्षाबंधन भी है.
हाल ही में तीज बीता है और गुरुवार को रक्षाबंधन भी है.
मेहंदी लगाना माना जाता है शुभ

हिंदू धर्म में सावन में मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है. सावन में मेहंदी लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. इस समय विवाहित महिलाएं अपने हाथों पर मेहंदी लगाती हैं. मान्यता है कि मेहंदी लगाने से दंपत्ति के बीच रिश्ता मजबूत होता है और प्रेम बढ़ता है. कहा जाता है कि मेहंदी जितनी गहरी होती है, उतना ही पति से अधिक प्रेम मिलता है. इसके अलावा मेहंदी स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक मानी जाती है. मेहंदी लगाने से गर्मी दूर होती है और शरीर को ठंडक मिलती है. मेहंदी से तनाव भी दूर होता है.

श्रृंगार विवाहित महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक है.
श्रृंगार विवाहित महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक है.

सावन में झूले का विशेष महत्व

सावन महीने में हर तरफ हरियाली छाई रहती है, झूले झूले जाते हैं और पारंपरिक गीत गाए जाते हैं. सावन में झूला झूलने का विशेष महत्व है. कहा जाता है झूला झूलने से उमंग और जोश भर जाता है. सावन में सदियों से ही झूला झूलने की परंपरा चलती आ रही है.

इस महीने झूले झूले जाते हैं और पारंपरिक गीत गाए जाते हैं.
इस महीने झूले झूले जाते हैं और पारंपरिक गीत गाए जाते हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबादः देवा दी देव महादेव का पवित्र महीना सावन इन दिनों आखिरी चरण में है. बाबा भोलेनाथ को यह माह अति प्रिय है. सावन के सोमवार में बाबा की विशेष कृपा अपने भक्तों पर होती है, लेकिन इसी माह में ऐसे विशेष दिन भी हैं जो सावन के महीने में और भी खास हो जाते हैं. जहां पुरुष बाबा भोलेनाथ पर गंगा जल अर्पित करते हैं. वहीं, महिलाएं सोमवार को विशेष व्रत भी रखती हैं. कहा जाता है कि इस महीने में भगवान शिव से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है.

हाल ही में तीज बीता है और गुरुवार को रक्षाबंधन भी है. इस कारण यह सावन का महीना महिलाओं के लिए और भी विशेष हो गया है. पहले जहां सभी सोमवार का व्रत वह पति के लिए रखीं. वहीं अब भाई की रक्षा के लिए महिलाएं खूब तैयारियां कर रही हैं. बाजार में राखियों से बाजार पटा पड़ा है. लोग रंग-बिरंगी राखियां खरीद रही हैं. वहीं दूर रहनेवाले भाई के लिए बहनें पोस्ट के जरिए भी राखी भेजती हैं. वहीं भाई भी बहन के लिए तोहफे खरीद रहे हैं.

सावन के महीने की महत्ता



यह सभी नजारे इस खास महीने सावन में ही देखने को मिलते हैं. कई महिलाओं ने बताया कि यह पूरा महीना भगवान शिव की पूजा-अर्चना और व्रत में बीत जाता है. इसके साथ ही, वह खरीदारी से लेकर मिठाई बनाने तक में व्यस्त रहती हैं. अभी बाजार में महिलाएं राखी खरीदने में व्यस्त हैं. इससे बाजार में काफी रौनक बढ़ गया है. इससे मार्केट और इकोनॉमी पर भी पॉजिटिव प्रभाव पड़ रहा है.

हाल ही में तीज बीता है और गुरुवार को रक्षाबंधन भी है.
हाल ही में तीज बीता है और गुरुवार को रक्षाबंधन भी है.


महिलाओं में इस महीने होता है हरे रंग का क्रेज

सावन में महिलाएं हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां (Green Clothes and Bangles) पहनती हैं. हिंदू धर्म में मान्यता है कि हरा रंग भगवान शिव को काफी प्रिय होता है. वहीं, लाल रंग सुहागिनों का रंग होता है. इससे श्रृंगार करके वह खुद को काफी प्रसन्न महसूस करती हैं. वहीं एक मान्यता यह भी है कि चूंकि इस महीने अच्छी बारिश होती है और हमारे आसपास के पेड़-पौधों में जान आ जाती है. छोटे-बड़े पशु-पक्षी भी तरो-ताजा हो जाते हैं. इस कारण महिलाएं भी हरे कपड़े (Green Color Importance in Sawan) धारण करती हैं ताकि वह प्रकृति को हरियाली से भर सके.

हाल ही में तीज बीता है और गुरुवार को रक्षाबंधन भी है.
हाल ही में तीज बीता है और गुरुवार को रक्षाबंधन भी है.
मेहंदी लगाना माना जाता है शुभ

हिंदू धर्म में सावन में मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है. सावन में मेहंदी लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. इस समय विवाहित महिलाएं अपने हाथों पर मेहंदी लगाती हैं. मान्यता है कि मेहंदी लगाने से दंपत्ति के बीच रिश्ता मजबूत होता है और प्रेम बढ़ता है. कहा जाता है कि मेहंदी जितनी गहरी होती है, उतना ही पति से अधिक प्रेम मिलता है. इसके अलावा मेहंदी स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक मानी जाती है. मेहंदी लगाने से गर्मी दूर होती है और शरीर को ठंडक मिलती है. मेहंदी से तनाव भी दूर होता है.

श्रृंगार विवाहित महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक है.
श्रृंगार विवाहित महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक है.

सावन में झूले का विशेष महत्व

सावन महीने में हर तरफ हरियाली छाई रहती है, झूले झूले जाते हैं और पारंपरिक गीत गाए जाते हैं. सावन में झूला झूलने का विशेष महत्व है. कहा जाता है झूला झूलने से उमंग और जोश भर जाता है. सावन में सदियों से ही झूला झूलने की परंपरा चलती आ रही है.

इस महीने झूले झूले जाते हैं और पारंपरिक गीत गाए जाते हैं.
इस महीने झूले झूले जाते हैं और पारंपरिक गीत गाए जाते हैं.
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