नई दिल्ली/गाजियाबाद: 19 जुलाई को शिवरात्रि का पावन पर्व है, ऐसे में शिव मंदिरों में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं. लेकिन इस बार कावड़ यात्रा स्थगित होने पर श्रद्धालु किस तरीके से शिवरात्रि का पावन पर्व मनाएंगे और भगवान शिव की आराधना करेंगे, इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने मुरादनगर के 185 साल पुराने शिव मंदिर के पुजारी से खास बातचीत की.
शिवरात्रि का क्या है महत्व, जानें पंडित जी से मुरादनगर बस स्टैंड पर स्थित शिव मंदिर के पुजारी पंडित हीरानंद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि सावन के महीने में आने वाली शिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व है, क्योंकि 12 महीने में यह चतुर्मास है, जिसका विशेष महत्व होता है.
शिवरात्रि का होता है विशेष महत्वशिव मंदिर के पुजारी ने शिवरात्रि के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा है कि जलाभिषेक करते समय सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भगवान शिव की आराधना करें. उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए यह भी कहा कि श्रद्धालु शिवरात्रि पर मंदिर ना आकर घर पर भी भगवान शिव की पूजा अर्चना कर सकते हैं.
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए करें जलाभिषेक
साथ ही पंडित हीरानंद ने बताया कि शिवरात्रि के अवसर पर मुरादनगर के शिव मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती थी, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते इस तरह की कुछ भी भीड़ नहीं होगी.