नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोरोना महामारी का कहर पूरे विश्व में जारी है. भारत पूरी तरीके से कोरोना की गिरफ्त में है, क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से किए गए लाॅकडाउन ने भारत में आर्थिक मंदी का संकट खड़ा कर दिया है. इसकी वजह से छोटे-बड़े व्यवसायों पर असर पड़ रहा है, जिनमें ऑटोमोबाइल सेक्टर भी शामिल है.
लॉकडाउन का ऑटोमोबाइल सेक्टर पर असर पड़ रहा है. ऑटोमोबाइल शोरूम संचालकों का कहना है कि लाॅकडाउन की वजह से गाड़ियों की बिक्री में भारी कमी आई है.
'कस्टम इंक्वायरी करने भी नहीं आ रहे'
संतोष ऑटोमोबाइल शोरूम के मालिक संजय त्यागी ने ईटीवी भारत को बताया कि कोरोना वायरस की वजह से ऑटोमोबाइल सेक्टर बहुत मंदा हो गया है. कोरोना के डर की वजह से ग्राहक नहीं आ रहे हैं, जिसकी वजह से गाड़ियों की बिक्री में भी कमी आ रही है. पहले जो ऑटोमोबाइल सेक्टर में उछाल था, वह अब नहीं है. इससे पहले तो कस्टमर गाड़ियों की इंक्वायरी भी करने आते रहते थे, लेकिन अब वो भी नहीं आ रहे हैं.
'वीकेंड लॉकडाउन भी बना मंदी की वजह'
ऑटोमोबाइल शोरूम के मालिक संजय त्यागी ने बताया कि जहां पहले वो 125 से 150 तक मोटरसाइकिल रोजाना बेच देते थे. वहीं अब दूसरी ओर 60 से 70 भी बमुश्किल बिक पा रही हैं. इसके साथ ही उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश में ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी की वजह यह भी है कि शनिवार और रविवार को लॉकडाउन रहता है, जिसकी वजह से भी सेल्स पर फर्क पड़ता है.
'सेल्स में आई 40% तक गिरावट'
संजय त्यागी ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से गाड़ियों की तकनीक में भी बदलाव हुआ है. पहले यूरो 4 मोटरसाइकिल आती थी, अब यूरो 6 आ रही है. जिसकी कीमत पहले से 10 हजार रुपये अधिक है. इसकी वजह से सेल्स में 40% तक गिरावट आई है. ऐसे में लोगों के पास इनकम नहीं है, तो थोड़ा मंदी की वजह यह भी हो सकती है.
संजय ने आगे बताया कि अगर लाॅकडाउन से पहले की बात की जाए तो उनकी अच्छी सेल्स होती थी. क्योंकि सप्ताह भर लगातार उनका शोरूम खुलता था. वह रोजाना डेढ़ सौ से ज्यादा गाड़ियां बेच देते थे और गाड़ियां भी सर्विस के लिए आती रहती थी. लेकिन अब खर्चे पहले के जितने हैं और आमदनी कम हो गई है.