नई दिल्ली/गाजियाबाद : केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों की वापसी की और न्यूनतम समर्थन मूल्य में गारंटी की मांग पर दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन अब करीब चार महीने पूरे होने जा रहे हैं. किसानों का आंदोलन अब गांव-गांव तक पहुंच चुका है. गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की अगुवाई कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत, जहां देश भर में जाकर महापंचायत कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ किसानों ने अब आंदोलन को डिजिटली मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी है.
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26 जनवरी को दिल्ली में हुए ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा के बाद खत्म होते किसान आंदोलन में जिस तरह से टिकैत के आंसुओं ने जान फूंकी उसके बाद उनके भाषणों को सुनने भारी संख्या में भीड़ आने लगी और सोशल मीडिया पर भी उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ने लगी.
ऐसे में अब किसान आंदोलन में किसान नेताओं की तरफ से टिकैत के भाषणों के वीडियो में अंग्रेज़ी और मलयालम समेत विभिन्न भाषाओं में सबटाइटल्स के साथ जोड़े जा रहे हैं, जिससे विभिन्न राज्यों में रहने वाले लोग आसानी से टिकैत के भाषणों को समझ सके और आंदोलन में अपना समर्थन दे सकें.
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इस बारे में किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के भाषणों में अंग्रेजी और मलयालम सबटाइटल्स जोड़े गए हैं, जिसके लिए 8 लोगों की एक टीम लगातार काम कर रही है. उन्होंने बताया कि फिलहाल भाषणों में अंग्रेज़ी और मलयालम के सबटाइटल्स जोड़े गए हैं. इसके बाद अन्य भाषाओं में भी सबटाइटल्स जोड़े जाएंगे.