नई दिल्ली/गाजियाबाद : भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत (farmer leader rakesh tikait ) ने कहा कि बजट 2022 (union budget 2022) के वित्त मंत्री के भाषण से स्पष्ट है कि यह बजट खेती के लिए नकारात्मक है. खेती में वित्तीय आवंटन को कम किया गया है. पिछले साल के मुकाबले कुल बजट का कृषि के आवंटन भी कम कर दिया गया है.
राकेश टिकैत (farmer leader rakesh tikait) ने कहा किसानों की आय दोगुनी करने, किसान सम्मान निधि के आवंटन में वृद्धि न करना, फसल बीमा योजना के लिए आवंटन कम करना, फसलों की खरीद हेतु प्रधानमंत्री आशा स्कीम में आवंटन घटाना, पराली न जलाने हेतु आवंटन को खत्म करना, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को कम करना, खेती में प्रयोग होने वाली वस्तुओं जैसे बीज, कीटनाशक, खरपतवार नाशी, ट्रैकटर सहित कृषि यंत्रों, पशुओं व पोल्ट्री फीड आदि में जीएसटी की दरों में राहत न देने आदि से स्पष्ट है कि कृषि की बजट में इतनी उपेक्षा आजाद भारत के इतिहास में कभी नही हुई है.
टिकैत ने कहा किसानों के लिए बजट रूटीन प्रकिया का हिस्सा है. इससे किसानों का कल्याण (farmers welfare) संभव नही है. इस बजट से यह भी स्पष्ट है कि सरकार किसानों से बदले की भावना से कार्य कर रही है. बजट में केवल अमृत महोत्सव, गतिशक्ति, ई विधा जैसे शब्दों का मायाजाल है. कृषि में पूंजी निवेश के माहौल के लिए कोई योजना नहीं है.
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किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा किसान सरकार की किसान विरोधी सोच का विरोध करते हुए देश की वित्त मंत्री को बजट के लिए 000 नंबर देते हैं, जो भी कृषि का आवंटन है. उसका बड़ा हिस्सा तनख्वाह, किसान सम्मान निधि व ब्याज की सब्सिडी पर खर्च होगा. इसमें नया कुछ भी नहीं है बल्कि जो मिल रहा था उसे भी कम कर दिया गया है.