नई दिल्ली/गाजियाबाद : दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर समेत राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन को 7 महीने से अधिक हो चुके हैं. किसान आंदोलन को तेज करने के लिए किसान नेता तमाम कवायद कर रहे हैं. किसान आंदोलन लंबा चलने की संभावनाओं को देखते हुए किसान नेता आंदोलन की रणनीति को और पुख्ता करने में जुट गए हैं.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि समुद्र के रास्ते आने वालों ने पहले भी देश पर कब्जा किया था. अब भी हाल कुछ ऐसा ही है. कंपनी की सरकार है इसलिए जनविरोधी फैसले ले रही है. आधा देश बेच दिया और आधा बोली पर लगा हुआ है. सरकार पर कब्जा कर बैठ गए इन लोगों को न तो इस देश से लगाव है और न देश के संसाधनों से. सरकार सितंबर तक यदि किसानों की बात नहीं सुनती तो किसान कोई बड़ा निर्णय लेंगे और पहली बार तो पुलिस को गुमराह करके ट्रैक्टरों को लालकिले पर ले गई, लेकिन इस बार किसानों के ट्रैक्टर कहकर संसद पर जाएंगे.
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