नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को ढाई माह से अधिक का समय हो गया है, लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं. किसानों का कहना है कि तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी से पहले वे दिल्ली की सीमाओं से हटने वाले नहीं हैं. इसी बीच राकेश टिकैत ने बताया कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसान क्रांति पार्क बनाया जाएगा. इसकी शुरुआत हम कांटों के जवाब फूल लगाकर कर चुके हैं.
उन्होंने कहा कि इस पार्क में किसानी झंडा लगाया जाएगा. जल्द ही किसान क्रांति पार्क को मूर्त रूप दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार आंदोलन को लंबा करना चाहती है. किसानों ने भी उसी तरह से रणनीति तैयार कर ली है. बॉर्डर पर रणनीति के तहत आंदोलन चलाया जाएगा. जो किसान आंदोलन स्थल पर सोमवार को पहुंचेगा वह सोमवार को ही घर वापस जाएगा. इस प्रकार आंदोलनकारी आंदोलन पर भी नजर रख सकेंगे और अपने खेत पर भी. ऐसी स्थिति में जरूरत पड़ी तो आंदोलन अक्टूबर से आगे भी चलाया जा सकेगा.
बिजली कनेक्शन दे सरकार
टिकैत ने कहा कि गर्मी का मौसम आ रहा है. अब हमें यहां बड़े जेनरेटर लगाने पड़ेंगे और यदि सरकार नहीं चाहती कि यहां जनरेटर चलें तो वह हमें बॉर्डर के नाम से बिजली कनेक्शन दे, किसान बिजली का बिल भी देंगे. उन्होंने किसानों से यह भी कहा कि प्रत्येक व्यक्ति सप्ताह भर की रणनीति से आंदोलन में शामिल हो. किसान कार से नहीं ट्रैक्टर से आंदोलन में शरीक होने पहुंचे.
मंच के सामने भीड़ हुई कम
उन्होंने सरकार को चेताया कि यह आंदोलन अक्टूबर के बाद भी चल सकता है, सरकार भूल में है कि हम गर्मी में चले जाएंगे. गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे मंच के सामने भीड़ थोड़ी कम हुई है. किसान उसका कारण तेज धूप को बता रहे हैं. किसानों का कहना है कि आंदोलन स्थल पर लोग कम नहीं हुए हैं, मंच के सामने कम बैठ रहे हैं. दरअसल धूप तेज होने के कारण अधिकतर किसान अपने टेंट में ही रह रहे हैं.
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