नई दिल्ली/ग़ाज़ियाबाद : राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, महापौर आशा शर्मा और भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने एक संयुक्त प्रेस नोट जारी करके पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. प्रेस नोट में संयुक्त रूप से राज्यसभा सांसद, महापौर और महानगर अध्यक्ष ने कहा कि गुरुवार को विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती थी. हमें दोपहर दो बजे सूचना मिली कि मतगणना स्थल से थोड़ी दूर पर भाजपा के 60-70 कार्यकर्ताओं को बिना किसी अपराध के एक बैंक्वेट हॉल में अन्दर बन्द कर दिया गया है. उनमें से कुछ की तबीयत खराब है. पुलिस के लोग उन्हें अपने घर नहीं जाने दे रहे हैं.
तीनों नेताओं ने कहा कि हम लोगों ने घटनास्थल पर पहुंचकर सहायक पुलिस अधीक्षक आकाश पटेल और पुलिस अधीक्षक रामानंद कुशवाहा से बात की. इन्हें क्यों बन्द कर रखा है, इन्हें घर जाने दो. इस तरह तो बन्द करना कानून के विरूद्ध है, जबकि मतदान स्थल के बाहर सपा के कार्यकर्ता भीड़ लगाए खड़े थे, तो दोनों अधिकारियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं को मुक्त करने के लिए मना कर दिया. हमारे जोर देने पर हमें भी पुलिस लाइन ले जाकर हिरासत में लेने की कोशिश की, लेकिन घटना की सूचना मिलने से वहां अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध किया. तब भी हम लोगों को चार घंटे पुलिस चौकी में बैठना पड़ा.
राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, महापौर आशा शर्मा और महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा है कि हम मतगणना स्थल पर नहीं जा रहे थे. हम सुबह से भूखे-प्यासे भाजपा कार्यकर्ताओं को मुक्त कराने जा रहे थे. हमें लगता है कि कुछ अधिकारी भाजपा की जीत एवं सपा की हार को पचा नहीं पा रहे हैं. वरना ये इतना बड़ा गैर-कानूनी काम न करते. एक तरफ तो सपा कार्यकर्ता गुण्डागर्दी करते हुए विभिन्न जगहों पर डीएम, एसएसपी, एसडीएम की सरकारी गाड़ी को रोककर अधिकारियों को गाड़ी से उतारकर गाड़ियों की तलाशी लेते हैं. उनके विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं होती है. जबकि भाजपा कार्यकर्ताओं को अकारण 6-7 घण्टे गेस्ट हाउस में बन्द करके ताला लगा दिया जाता है. एक तरफ हजारों सपा कार्यकर्ता मतगणना स्थल को घेरकर रखते हैं. तब कोई कार्रवाई नहीं होती, लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं को गैर-कानूनी रूप से बन्द कर दिया जाता है.
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राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, महापौर आशा शर्मा और महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि हम शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे कि ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए. क्योंकि भाजपा कार्यकर्ता अब कोई अन्याय सहन नहीं करेगा. हम इस घटना का पुरजोर विरोध करते हैं.