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गाजियाबाद: आउटसोर्सिंग के खिलाफ कर्मचारियों ने कपड़े उतारकर किया प्रदर्शन

कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों का कहना है कि आउटसोर्सिंग होने से वो बेरोजगार हो जाएंगे. कर्मचारियों का कहना है कि वो पिछले कई सालों से नगर निगम में काम कर रहे हैं. इसी से उनका घर चल रहा है और बच्चों का लालन-पालन भी होता आया है.

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Published : Jun 25, 2019, 8:19 PM IST

सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन

नई दिल्ली/गाजियाबाद: अपनी मांगों के लिए अब सफाई कर्मचारी सड़कों पर उतरने को मजबूर है. नगर निकाय कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर गाजियाबाद में सफाई कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में कपड़े उतार कर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियो की मांग है कि प्रदेश सरकार आउटसोर्सिंग के आदेश को वापस ले.

आउटसोर्सिंग के खिलाफ कर्मचारियों का धरना

कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों का कहना है कि आउटसोर्सिंग होने से वो बेरोजगार हो जाएंगे. कर्मचारियों का कहना है कि वो पिछले कई सालों से नगर निगम में काम कर रहे हैं. इसी से उनका घर चल रहा है और बच्चों का लालन-पालन भी होता आया है.

कर्मचारियों को डर है कि सरकार के नए आदेश के तहत सफाई का काम आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारियों को दिया जाएगा. अगर सफाई का काम आउटसोर्सिंग के जरिए किया जाता है तो उनके बच्चे खाने को मोहताज हो जाएंगे.

protest against outsourcing in ghaziabad
प्रदर्शन के दौरान सफाईकर्मचारी

कर्मचारियों का फूटा गुस्सा
कपड़े उतार कर प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियो ने केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के खुद के बच्चे नहीं है. इसलिए उन्हें बच्चों का दर्द नहीं पता. पहले से ही हमें कम सैलरी में काम कर रहे थे और अब आउटसोर्सिंग के आ जाने से हमारे लिए रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है.

बता दें कि गाजियाबाद में करीब 2700 सफाई कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत है. पूर्व में भी कई बार सफाई कर्मचारियों ने नियमितीकरण को लेकर प्रदर्शन किया था. लेकिन अब आउटसोर्सिंग के आ जाने से इनके रोजगार पर संकट उत्पन्न हो गया है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: अपनी मांगों के लिए अब सफाई कर्मचारी सड़कों पर उतरने को मजबूर है. नगर निकाय कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर गाजियाबाद में सफाई कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में कपड़े उतार कर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियो की मांग है कि प्रदेश सरकार आउटसोर्सिंग के आदेश को वापस ले.

आउटसोर्सिंग के खिलाफ कर्मचारियों का धरना

कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों का कहना है कि आउटसोर्सिंग होने से वो बेरोजगार हो जाएंगे. कर्मचारियों का कहना है कि वो पिछले कई सालों से नगर निगम में काम कर रहे हैं. इसी से उनका घर चल रहा है और बच्चों का लालन-पालन भी होता आया है.

कर्मचारियों को डर है कि सरकार के नए आदेश के तहत सफाई का काम आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारियों को दिया जाएगा. अगर सफाई का काम आउटसोर्सिंग के जरिए किया जाता है तो उनके बच्चे खाने को मोहताज हो जाएंगे.

protest against outsourcing in ghaziabad
प्रदर्शन के दौरान सफाईकर्मचारी

कर्मचारियों का फूटा गुस्सा
कपड़े उतार कर प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियो ने केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के खुद के बच्चे नहीं है. इसलिए उन्हें बच्चों का दर्द नहीं पता. पहले से ही हमें कम सैलरी में काम कर रहे थे और अब आउटसोर्सिंग के आ जाने से हमारे लिए रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है.

बता दें कि गाजियाबाद में करीब 2700 सफाई कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत है. पूर्व में भी कई बार सफाई कर्मचारियों ने नियमितीकरण को लेकर प्रदर्शन किया था. लेकिन अब आउटसोर्सिंग के आ जाने से इनके रोजगार पर संकट उत्पन्न हो गया है.

Intro:गाजियाबाद : नगर निकाय कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज सफाई कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में कपड़ा उतार कर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे हैं सफाई कर्मचारियो की मांग है कि प्रदेश सरकार अपने आउटसोर्सिंग आदेश को वापस ले.


Body:कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों का कहना है कि आउटसोर्सिंग के आ जाने से वह बेरोजगार हो जाएंगे. वे पिछले कई सालों से नगर निगम में सफाई कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं. इसी से उनके बच्चों का लालन-पालन भी होता आया है. अब सरकार के नए आदेश के तहत सफाई का काम आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारियों को दिया जाएगा. अगर सफाई का काम आउटसोर्सिंग के द्वारा किया जाता है तो हमारे बच्चे भूखे मरने लगेंगे.

मोदी योगी क्या जाने बच्चों का दर्द :
कपड़े उतार कर प्रदर्शन कर रहे हैं सफाई कर्मचारियो ने केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खुद के बच्चे नहीं है. इसलिए उन्हें बच्चों का दर्द नहीं पता. पहले से ही हमें कम तनख्वा में काम कर रहे थे. और अब आउटसोर्सिंग के आ जाने से हमारे समक्ष आज रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है.


Conclusion:आपको बता दें कि गाजियाबाद में लगभग 27 सौ सफाई कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत है. पूर्व में भी कई बार सफाई कर्मचारियों द्वारा नियमितीकरण को लेकर प्रदर्शन किया गया था. लेकिन अब आउटसोर्सिंग के आ जाने से इनके रोजगार पर संकट उत्पन्न हो गया है.
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