नई दिल्ली/गाजियाबाद : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का संकट पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत पर इस कदर छाया हुआ है. इससे देश में मनाए जाने वाले सभी समुदाय के धार्मिक त्यौहारों की रौनक छिन गई है, जिन त्यौहारों पर खुशियां मनाई जाती थी उन त्यौहारों पर लोग चाह कर भी खुशियां नहीं मना पा रहे हैं. दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय को गमगीन कर देने वाले मोहर्रम पर भी इस बार कोरोना का साया पड़ा है. इसके कारण शिया समुदाय के लोग इस बार मोहर्रम पर परंपरागत रूप से गम मना कर ताजिए भी नहीं निकाल पाएंगे. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने शिया समुदाय के सदर (अध्यक्ष) से बातचीत की.
ईटीवी भारत को अंजुमन यादगारे हुसैनी के अध्यक्ष भूरे चौधरी ने बताया कि हम हर बार परंपरागत तरीके से मोहर्रम का जुलूस निकालते आए हैं, लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से कहीं भी परमिशन नहीं मिल रही है. हम अपने शासन, प्रशासन और उलेमा-ए-दीन के कहे अनुसार कुछ भी अलग कार्य नहीं करेंगे. इसलिए इस बार बहुत ही सूक्ष्म तरीके से सरकार के आदेशों का पालन करते हुए मोहर्रम का आयोजन करेंगे.
घरों पर सूक्ष्म तरीके से मनाएंगे मोहर्रम
मुरादनगर शिया समुदाय के अध्यक्ष भूरे चौधरी ने बताया कि हर वर्ष मोहर्रम के जुलूस में दस हजार से भी अधिक लोगों की भीड़ इकट्ठा होती थी. इस अवसर पर ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाया जाता था. इसमें नीमा नामक संस्था भी उनके साथ बराबर भागीदार रहती थी, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से उसको भी कैंसिल किया जाएगा.