नई दिल्ली/गाजियाबाद : 4 महीने से ज्यादा समय से दिल्ली और यूपी के बॉर्डर पर बैठे किसान रविवार को होलिका दहन करेंगे. किसानों का कहना है कि होलिका दहन के दौरान जो तिलक किया जाएगा, वह गांव की मिट्टी से किया जाएगा. यहां गुलाल का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं होगा.
वहीं उनका ये भी कहना है कि हर साल घर पर जो होली मनाई जाती थी, उससे ज्यादा उत्साह से होली मनाई जाएगी. ताकि ये बात साफ हो पाए कि किसान अपने आंदोलन में भी त्योहार मना रहे हैं. किसानों ने बताया कि आंदोलन के दौरान जिन किसानों की शहादत हुई, उन्हें भी इस होलिका दहन के दौरान नमन किया जाएगा.
बॉर्डर पर स्पेशल मिठाइयां हो रहीं तैयार
बसंत पंचमी के बाद से ही होलिका दहन के लिए मिट्टी यहां लाई जा रही थी. शाम के समय गाजीपुर बॉर्डर पर सभी गांव से आए किसान एकत्रित होंगे. ढोल मंजीरे और गीत-संगीत का भी इंतजाम किया गया है. स्पेशल मिठाइयां भी आंदोलन स्थल पर ही तैयार की जा रही हैं. बॉर्डर पर शाम के समय होलिका दहन का भव्य नजारा आंदोलन स्थल पर भी देखने को मिलेगा. किसानों का कहना है कि कामना कर रहे हैं कि उनकी मांगें जरूर मानी जाएं, ताकि वे आगामी त्योहार अपने घरों में मना सकें.
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हजारों की संख्या में होंगे किसान
खुद किसान नेता भी इस दौरान मौजूद होंगे और यूपी के अलावा अन्य राज्यों के गांव से आए किसान भी यहां होलिका दहन कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. माना जा रहा है कि इनकी संख्या हजारों में होगी. इसके लिए पुलिस के भी सुरक्षा इंतजाम बॉर्डर के आसपास किए गए हैं. दिल्ली और यूपी दोनों तरफ से पुलिस के अतिरिक्त जवान बॉर्डर पर होली त्योहार पर सुरक्षा में लगे हुए हैं.