नई दिल्ली/गाजियाबाद : दिवाली के बाद दिल्ली-NCR की हवा में प्रदूषण का जहर तेजी के साथ घुला है. हवा में घुली जहर अस्थमा रोगियों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हो रही है. इसके साथ ही मासूम बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर ये जहरीली हवा बुरा असर डाल रही है. दिवाली के बाद से दिल्ली-NCR के अस्पतालों में सांस के रोगियों की तादाद बेतहाशा बढ़ी है. डॉक्टर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के साथ ही अन्य सांस रोगियों को खास एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं.
हवा में हुए प्रदूषण के इजाफे के बाद लोगों को सांस लेने में दिक्कत समेत स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. धुंध बढ़ने से आंखों और त्वचा की एलर्जी के मामले भी बढ़ गए हैं. संवेदनशील त्वचा वालों को खास एहतियात बरतने की हिदायत दी जा रही है. हाल ही में जिला संयुक्त अस्पताल में अस्थमा और सांस के अन्य मरीजों की तादाद में भारी बढ़ोतरी हुई है. इस अस्पताल में आम दिनों में एक हजार से 1200 मरीज OPD में आते हैं. जबकि प्रदूषण बढ़ने के बाद मरीजों की तादाद काफी बढ़ गई है. पहले 20 से 25 मरीज अस्थमा के आते थे, लेकिन अब ये तादाद बहुत ज्यादा बढ़ गई है.
इसे भी पढ़ें : बाबू जगजीवन राम अस्पताल में जलभराव, नाले का गंदा पानी भरा
गाजियाबाद जिला संयुक्त अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय तेवतिया के मुताबिक दिवाली के बाद से अस्थमा और ब्रॉन्काइटिस के मरीजों में बढ़ोतरी की हुई है. इसके साथ ही आंखों में एलर्जी जैसे जलन-खुजली और आंख से पानी आने की शिकायत भी मरीज़ों में देखने हो मिल रही है. प्रदूषण में हुए इजाफे के बाद स्किन एलर्जी के मामले भी बढ़ रहे हैं. दिवाली से पहले अस्थमा और ब्रॉन्काइटिस के 20 से 25 मरीज सामने आ रहे थे, जो कि अब बढ़कर 50-60 हो गए हैं. मौजूदा समय में अस्थमा और ब्रॉन्काइटिस के दर्जनभर मरीज अस्पताल में भर्ती हैं.