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गांधी जयंती के मौके पर ग्रामीण चौकीदारों को पुलिस का तोहफा, बांटी साइकिल

गांधी जयंती के उपलक्ष में गाजियाबाद पुलिस ने गांव के चौकीदारों को बांटी साइकिल और टॉर्च. एसएसपी ने बताया इन्हीं चौकीदारों की वजह से गांव में अपराध कम होते हैं.

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गांधी जयंती के मौके पर ग्रामीण चौकीदारों को पुलिस का तोहफा, बांटी साइकिल और टॉर्च
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Published : Oct 2, 2020, 1:21 PM IST

नई दिल्ली/ गाजियाबाद: गांधी जयंती के मौके पर गाजियाबाद पुलिस ने गांव की रक्षा करने वाले चौकीदारों को साइकिल और टॉर्च वितरित की. एसएसपी कलानिधि नैथानी का कहना है कि इससे इनकी कार्य शक्ति में वृद्धि होगी. गांव की रक्षा करने वाले चौकीदार पुलिस की आंख नाक और कान होते हैं. इन्हीं के माध्यम से पुलिस ग्रामीण इलाकों के अपराधों के बारे में अवगत हो पाती है.

ग्रामीण चौकीदारों को बांटी साइकिल और टॉर्च
अपराध पर लगती है लगाम
ग्रामीण इलाकों में शहरी इलाकों की तुलना में अपराध कम होता है. इसका कारण यही चौकीदार होते हैं, क्योंकि किसी भी जानकारी को त्वरित रूप से इन्हीं चौकीदारों के माध्यम से पुलिस को अवगत करा दिया जाता है. भले ही तकनीकी रूप से यह ज्यादा स्ट्रांग नहीं होते हैं. लेकिन शारीरिक रूप से यह किसी भी आपात स्थिति से निपटने को भी काफी ज्यादा तैयार रहते हैं. कई बार गांव में आग जैसी घटनाएं होने पर उसे खुद ही बुझा लेने की हिम्मत भी इन चौकीदारों ने दिखाई है.



आने वाली सर्दियों में बढ़ेगी चुनौती

गाजियाबाद में जिस तरह से अपराध बढ़ रहा है, उससे आने वाली सर्दियों में भी चुनौती बढ़ने वाली है. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में गांधी जयंती पर पुलिस कर्मियों द्वारा चौकीदारों को दिया गया, यह तोहफा काफी अहम साबित हो सकता है, क्योंकि पुलिस के द्वारा मिले सहयोग के बाद यह चौकीदार मन लगाकर अपने कार्य को और तेज गति से कर पाएंगे.

नई दिल्ली/ गाजियाबाद: गांधी जयंती के मौके पर गाजियाबाद पुलिस ने गांव की रक्षा करने वाले चौकीदारों को साइकिल और टॉर्च वितरित की. एसएसपी कलानिधि नैथानी का कहना है कि इससे इनकी कार्य शक्ति में वृद्धि होगी. गांव की रक्षा करने वाले चौकीदार पुलिस की आंख नाक और कान होते हैं. इन्हीं के माध्यम से पुलिस ग्रामीण इलाकों के अपराधों के बारे में अवगत हो पाती है.

ग्रामीण चौकीदारों को बांटी साइकिल और टॉर्च
अपराध पर लगती है लगाम
ग्रामीण इलाकों में शहरी इलाकों की तुलना में अपराध कम होता है. इसका कारण यही चौकीदार होते हैं, क्योंकि किसी भी जानकारी को त्वरित रूप से इन्हीं चौकीदारों के माध्यम से पुलिस को अवगत करा दिया जाता है. भले ही तकनीकी रूप से यह ज्यादा स्ट्रांग नहीं होते हैं. लेकिन शारीरिक रूप से यह किसी भी आपात स्थिति से निपटने को भी काफी ज्यादा तैयार रहते हैं. कई बार गांव में आग जैसी घटनाएं होने पर उसे खुद ही बुझा लेने की हिम्मत भी इन चौकीदारों ने दिखाई है.



आने वाली सर्दियों में बढ़ेगी चुनौती

गाजियाबाद में जिस तरह से अपराध बढ़ रहा है, उससे आने वाली सर्दियों में भी चुनौती बढ़ने वाली है. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में गांधी जयंती पर पुलिस कर्मियों द्वारा चौकीदारों को दिया गया, यह तोहफा काफी अहम साबित हो सकता है, क्योंकि पुलिस के द्वारा मिले सहयोग के बाद यह चौकीदार मन लगाकर अपने कार्य को और तेज गति से कर पाएंगे.

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