नई दिल्ली/गाजियाबाद: मुरादनगर कस्बे की गांधी कॉलोनी के रिहायशी इलाके में चल रहे पावर लूम फैक्ट्रियों से स्थानीय निवासियों का जीना दूभर हो रहा है. उनका आरोप है कि उनकी कॉलोनी में बीते 10 सालों से पावर लूम फैक्ट्रियां चल रही हैं, जिसकी वजह से पूरी बस्ती में तेज आवाज में शोर होता रहता है. इसके साथ ही हालात यहां तक खराब है कि उनके घरों में दिन-रात कंपन होता रहता है, जिसकी वजह से बच्चों और बुजुर्गों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. तेज आवाज के साथ ही फैक्ट्रियों से निकल रही गंदगी से वायु प्रदूषण हो रहा है. इसकी वजह से उनको सांस लेने में भी तकलीफ होती है. इसके बावजूद काफी बार अधिकारियों और फैक्ट्री संचालक से शिकायत करने पर भी उनकी सुनवाई नहीं होती है.
ईटीवी भारत को गांधी कॉलोनी निवासी कृष्ण कुमार त्यागी ने बताया कि उनकी कॉलोनी में बीते 10 सालों से पावर लूम फैक्ट्री चल रही है, जिसमें से बहुत तेज आवाज निकलती है. इससे कुछ भी सुनाई नहीं देता है. फैक्ट्री से रुई के कण भी निकल कर उड़ते रहते हैं, जिनकी वजह से उनकी पत्नी की मृत्यु तक हो चुकी है. इसकी शिकायत वो काफी बार कर चुके हैं. लेकिन उनकी सुनवाई नहीं होती है.
अधिकारियों और फैक्ट्री संचालक की मिलीभगत
छात्र आशीष का कहना है कि फैक्ट्री के शोर की वजह से वह पढ़ाई भी नहीं कर पाते हैं, जिसकी शिकायत वह अधिकारियों और फैक्ट्री संचालक से काफी बार कर चुके हैं. इसके बावजूद वह अपनी फैक्ट्री बंद करने के लिए तैयार नहीं हैं. वह चाहते हैं कि जिस तरह रिहाइशी इलाकों में ये फैक्ट्रियां चल रही हैं. इनको बंद किया जाए.
दिन रात होता रहता है तेज शोर
विवेक त्यागी का कहना है कि फैक्ट्री से निकल रहे शोर की वजह से अगर कहीं चोरी भी हो जाए तो पता नहीं चलता है. घर के बर्तन तक बजते रहते हैं. यहां तक की मकान में दरारें भी आ चुकी हैं. उनका आरोप है कि वे इसकी काफी बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से कार्रवाई नहीं हो पाती है.
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