नई दिल्ली/गाजियाबादः मुरादनगर कस्बे में विमला नाम की महिला छोटी सी किराने की दुकान चलाती हैं. जहां वह मिट्टी के बर्तन जैसे घड़े, दीपक भी फुटकर में बेचती हैं, जिससे उनके घर परिवार का खर्चा थोड़ा बेहतर तरीके से चल रहा था. वहीं लाॅकडाउन के चलते मिट्टी के घड़ों की मांग बंद हो गई हैं, जिससे विमला पर भी आर्थिक संकट आ गया है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में विमला ने बताया कि गर्मी के दिनों में मिट्टी से बने घड़ों की काफी मांग होती थी. लेकिन इस बार लाॅकडाउन के चलते लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं और ना ही बाजार लग रहे हैं. जिसकी वजह से उनके मिट्टी के बर्तन बिकने बंद हो गए हैं. विमला बताया कि लागत मूल्य पर ही वह अपने बर्तन को बेचने के लिए तैयार हैं, इसके बावजूद उनको ग्राहक नहीं मिल रहे हैं.
ठप हुआ घड़ों का कारोबार
विमला ने बताया कि मिट्टी के बर्तन शादी के सीजन में भी बिकते थे, लेकिन इस बार लाॅकडाउन की वजह से सभी शादी समारोह बंद हो गए हैं. जिसने भी उनके घड़ों और बर्तनों का बिकना बंद हो गया है. उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन की वजह से उनके घर परिवार में काम करने वाले लोगों का भी रोजगार बंद हो गया है. उनकी परचून की दुकान भी नहीं चल रही हैं और ना ही मिट्टी के बर्तन बिक पा रहे हैं.