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किसानों को मवाली बताने पर पीस पार्टी बोली- जाहिर होती है BJP की संकीर्ण मानसिकता - किसानों को मीनाक्षी लेखी ने बताया मवाली

मीनाक्षी लेखी के किसानों पर दिए गए बयान पर बोलते हुए पीस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शादाब चौहान ने कहा कि इससे बीजेपी की किसानों, गरीबों और मजदूरों के प्रति संकीर्ण मानसिकता जाहिर होती है.

किसानों को मवाली बताने पीस पार्टी
किसानों को मवाली बताने पीस पार्टी
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Published : Jul 23, 2021, 9:48 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि वे किसान नहीं मवाली हैं. इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था. हालांकि उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया है.


मीनाक्षी लेखी के इस बयान पर निशाना साधते हुए पीस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शादाब चौहान ने कहा इससे भारतीय जनता पार्टी की किसानों-गरीबों-मजदूरों के प्रति संकीर्ण मानसिकता ज़ाहिर होती है. किसान अहंकार को स्वीकार नहीं करता है और बीजेपी अहंकार के समुद्र में डूब चुकी है और किसानों पर अत्याचार कर रही है. चौहान ने कहा कि मीनाक्षी लेखी द्वारा इस तरह का बयान पार्टी के बड़े नेताओं के इशारे पर दिया गया है.

किसानों को मवाली बताने पर पीस पार्टी का बयान
ये भी पढ़ें- मीनाक्षी लेखी के बयान पर टिकैत बोले- किसान मवाली नहीं, धरती के हैं अन्नदाता


लेखी के बयान पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि किसानों के लिये इस तरह की टिप्पणी करना गलत है. मवाली वह होते हैं, जिनके पास कुछ नहीं होता है. हम तो किसान हैं, मवाली नहीं. किसान इस धरती के अन्नदाता हैं.

ये भी पढ़ें- पहले आंदोलनकारियों को कहा 'मवाली', विवाद बढ़ने पर बयान लिया वापस



हालांकि कल देर शाम केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने अपने बयान को वापस लिया. उन्होंने कहा कि मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया. बहरहाल, किसानों से जुड़ी मेरी टिप्पणियों से अगर किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपनी बात वापस लेती हूं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि वे किसान नहीं मवाली हैं. इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था. हालांकि उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया है.


मीनाक्षी लेखी के इस बयान पर निशाना साधते हुए पीस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शादाब चौहान ने कहा इससे भारतीय जनता पार्टी की किसानों-गरीबों-मजदूरों के प्रति संकीर्ण मानसिकता ज़ाहिर होती है. किसान अहंकार को स्वीकार नहीं करता है और बीजेपी अहंकार के समुद्र में डूब चुकी है और किसानों पर अत्याचार कर रही है. चौहान ने कहा कि मीनाक्षी लेखी द्वारा इस तरह का बयान पार्टी के बड़े नेताओं के इशारे पर दिया गया है.

किसानों को मवाली बताने पर पीस पार्टी का बयान
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लेखी के बयान पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि किसानों के लिये इस तरह की टिप्पणी करना गलत है. मवाली वह होते हैं, जिनके पास कुछ नहीं होता है. हम तो किसान हैं, मवाली नहीं. किसान इस धरती के अन्नदाता हैं.

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हालांकि कल देर शाम केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने अपने बयान को वापस लिया. उन्होंने कहा कि मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया. बहरहाल, किसानों से जुड़ी मेरी टिप्पणियों से अगर किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपनी बात वापस लेती हूं.

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