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गाजियाबाद में प्रदूषण का बढ़ता प्रकोप, 60 फैक्ट्रियों को मालिकों किया बंद

गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी में बनी 60 फैक्ट्रियों को मालिकों द्वारा बंद किया गया. फैक्ट्री मालिकों का कहना है कि उनके ऊपर सरकार द्वारा कोई दवाब नहीं है, फैक्ट्री बंद करना उनकी अपनी मर्जी है.

Outbreak of pollution in Ghaziabad, 60 factories closed
प्रदूषण का बढ़ता प्रकोप
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Published : Nov 7, 2020, 10:54 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : ट्रोनिका सिटी में बनी 60 फैक्ट्रियों को मालिकों ने खुद बंद कर दिया है. बता दें कि लॉकडाउन के दौरान बंद रही फैक्ट्रियां जैसे तैसे खुली थी, लेकिन शहर की हवा को स्वच्छ बनाने के लिए फैक्ट्री मालिकों ने ये निर्णय किया है. बढ़ते प्रदूषण में फैक्ट्री मालिक अपनी फैक्ट्री के आगे पानी का छिड़काव भी कर रहे हैं, जिससे धूल न उड़े.

60 फैक्ट्रियों को मालिकों किया बंद
बॉयलर के प्रयोग से प्रदूषण का डर
इन फैक्ट्रियों में बॉयलर से काम होता है, जो लकड़ी या कोयले से चलता है. जिसके चलते धुआं उठता है और हवा और जहरीली हो जाती है. फैक्ट्री मालिकों का कहना है कि उनपर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था, लेकिन उन्होंने खुद आम और खास की जान की परवाह करते हुए ऐसा निर्णय लिया है. हालांकि, उन्होंने कहा है कि फैक्ट्री में काम करने के लिए एलपीजी से चलने वाले बॉयलर का विकल्प तलाश रहे हैं. जिससे प्रदूषण रहित काम हो सके.
मजदूरों के लिए प्रयास
हालांकि, फैक्ट्री मालिकों से पूछा गया कि इस दौरान मजदूरों का क्या होगा, तो उन्होंने कहा कि प्रदूषण का स्तर कम होते ही फैक्ट्री खोली जाएगी. इसके अलावा अगर उससे पहले ही अन्य वैकल्पिक व्यवस्था हो गई तो भी तुरंत फैक्ट्री को खोल दिया जाएगा.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : ट्रोनिका सिटी में बनी 60 फैक्ट्रियों को मालिकों ने खुद बंद कर दिया है. बता दें कि लॉकडाउन के दौरान बंद रही फैक्ट्रियां जैसे तैसे खुली थी, लेकिन शहर की हवा को स्वच्छ बनाने के लिए फैक्ट्री मालिकों ने ये निर्णय किया है. बढ़ते प्रदूषण में फैक्ट्री मालिक अपनी फैक्ट्री के आगे पानी का छिड़काव भी कर रहे हैं, जिससे धूल न उड़े.

60 फैक्ट्रियों को मालिकों किया बंद
बॉयलर के प्रयोग से प्रदूषण का डर
इन फैक्ट्रियों में बॉयलर से काम होता है, जो लकड़ी या कोयले से चलता है. जिसके चलते धुआं उठता है और हवा और जहरीली हो जाती है. फैक्ट्री मालिकों का कहना है कि उनपर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था, लेकिन उन्होंने खुद आम और खास की जान की परवाह करते हुए ऐसा निर्णय लिया है. हालांकि, उन्होंने कहा है कि फैक्ट्री में काम करने के लिए एलपीजी से चलने वाले बॉयलर का विकल्प तलाश रहे हैं. जिससे प्रदूषण रहित काम हो सके.
मजदूरों के लिए प्रयास
हालांकि, फैक्ट्री मालिकों से पूछा गया कि इस दौरान मजदूरों का क्या होगा, तो उन्होंने कहा कि प्रदूषण का स्तर कम होते ही फैक्ट्री खोली जाएगी. इसके अलावा अगर उससे पहले ही अन्य वैकल्पिक व्यवस्था हो गई तो भी तुरंत फैक्ट्री को खोल दिया जाएगा.
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