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गाजीपुर बॉर्डर: ओडिशा के मूर्तिकार ने मूर्ति बनाकर दिया किसान आंदोलन को समर्थन

गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन लगातार जारी है. आंदोलन को समर्थन देने के लिए ओडिशा के मूर्तिकार मुक्तिकांत गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और मूर्ति बनाकर किसानों को अपना समर्थन दिया.

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र्तिकार ने मूर्ति बनाकर दिया किसान आंदोलन को समर्थन
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Published : Mar 4, 2021, 3:07 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को समर्थन देने के लिए देश भर से नेता और कलाकार पहुंच रहे हैं. इसी कड़ी में बुधवार को ओडिशा के मूर्तिकार मुक्तिकांत भी किसानों को अपना समर्थन देने गाजीपुर आंदोलन स्थल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन किया. मुक्तिकांत ने मूर्तियों के माध्यम से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को दर्शाने का प्रयास किया है. मुक्तिकांत ने यहां दो मूर्तियां बनाईं. इन मूर्तियों में एक मूर्ति को उद्योगपति दिखाया है, जबकि दूसरे को गरीब किसान दिखाया गया है.

देखिए रिपोर्ट

एक हफ्ते की मेहनत

दोनों मूर्तियों को खेत में खड़े दिखाया गया है. इसके माध्यम से मुक्तिकांत दर्शना चाहते हैं कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में किसान अपने ही खेत में मजदूरी करेगा और उद्योगपति उससे काम करवाएगा. मुक्तिकांत हाल ही में साइकिल चलाकर ओडिशा से गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे. गाजीपुर बॉर्डर पर करीब एक हफ्ते की मेहनत के बाद उन्होंने ये मूर्तियां तैयार की हैं.

चारों तरफ हो रही मूर्तियों की चर्चा
मुक्तिकांत ने जो मूर्तियां बनाई हैं, उनकी चर्चा सभी जगह हो रही है. लोग मूर्तियों की फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. इसके अलावा आसपास के लोग भी इन मूर्तियों को देखने के लिए आ रहे हैं. मूर्तियों को खूबसूरत रंग दिया जा रहा है. उद्योगपति को इस खड़ा हुआ दिखाया गया है. जबकि किसान उसमें काम करता हुआ दिखाया गया है. विरोध करने का यह सबसे अलग तरीका सामने आया है.

सरकार ने बताए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के फायदे, मगर विरोध जारी
हालांकि सरकार लगातार इस बात को किसानों के सामने रखती आई है कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में कोई खामी ही नहीं है. लेकिन किसान इस बात को मानने से इंकार कर चुके हैं और अलग-अलग तरीके से अपना विरोध जाहिर कर रहे हैं. किसान इस बात को साफ कर चुके हैं कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा.


पढ़ें-उपराज्यपाल अनिल बैजल और सीएम केजरीवाल ने लगवाई कोरोना वैक्सीन

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को समर्थन देने के लिए देश भर से नेता और कलाकार पहुंच रहे हैं. इसी कड़ी में बुधवार को ओडिशा के मूर्तिकार मुक्तिकांत भी किसानों को अपना समर्थन देने गाजीपुर आंदोलन स्थल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन किया. मुक्तिकांत ने मूर्तियों के माध्यम से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को दर्शाने का प्रयास किया है. मुक्तिकांत ने यहां दो मूर्तियां बनाईं. इन मूर्तियों में एक मूर्ति को उद्योगपति दिखाया है, जबकि दूसरे को गरीब किसान दिखाया गया है.

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एक हफ्ते की मेहनत

दोनों मूर्तियों को खेत में खड़े दिखाया गया है. इसके माध्यम से मुक्तिकांत दर्शना चाहते हैं कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में किसान अपने ही खेत में मजदूरी करेगा और उद्योगपति उससे काम करवाएगा. मुक्तिकांत हाल ही में साइकिल चलाकर ओडिशा से गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे. गाजीपुर बॉर्डर पर करीब एक हफ्ते की मेहनत के बाद उन्होंने ये मूर्तियां तैयार की हैं.

चारों तरफ हो रही मूर्तियों की चर्चा
मुक्तिकांत ने जो मूर्तियां बनाई हैं, उनकी चर्चा सभी जगह हो रही है. लोग मूर्तियों की फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. इसके अलावा आसपास के लोग भी इन मूर्तियों को देखने के लिए आ रहे हैं. मूर्तियों को खूबसूरत रंग दिया जा रहा है. उद्योगपति को इस खड़ा हुआ दिखाया गया है. जबकि किसान उसमें काम करता हुआ दिखाया गया है. विरोध करने का यह सबसे अलग तरीका सामने आया है.

सरकार ने बताए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के फायदे, मगर विरोध जारी
हालांकि सरकार लगातार इस बात को किसानों के सामने रखती आई है कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में कोई खामी ही नहीं है. लेकिन किसान इस बात को मानने से इंकार कर चुके हैं और अलग-अलग तरीके से अपना विरोध जाहिर कर रहे हैं. किसान इस बात को साफ कर चुके हैं कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा.


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