नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने गुरुवार को निर्देश जारी किया कि उत्तर प्रदेश में अब बीएड की प्रवेश परीक्षा और विश्वविद्यालयों की वार्षिक व सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू की जाएगी. मुख्य सचिव ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों को वार्षिक परीक्षाएं और सेमेस्टर परीक्षाएं भी 30 जून के बाद यानी जुलाई में आयोजित करने के निर्देश दिए हैं.
जिलाध्यक्ष ने सौंपा ज्ञापन
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने जुलाई में परीक्षा कराने के फैसले पर विरोध जताया है. इसी को लेकर एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष राहुल शर्मा ने राज्यपाल को संबोधित करते हुए एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट शिव प्रताप शुक्ला को सौंपा. एनएसयूआई ने मांग की है कि छात्रों को बिना परीक्षा के पदोन्नत किया जाए. जिलाध्यक्ष राहुल शर्मा ने बताया कि प्रदेश व देश में प्रितिदिन कोरोना के मरीजों में इजाफा हो रहा है. तो जुलाई में परीक्षा आयोजित करने पर किसी प्रकार की अनहोनी की जिम्मेदारी किसकी होगी.
बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी
उन्होंने कहा कि जब अन्य प्रदेशों की सरकारों द्वारा छात्रों को बिना परीक्षा पदोन्नत किया जा चुका है, तो उत्तर प्रदेश सरकार ऐसा निर्णय क्यों नहीं ले रही है. क्या छात्रों का जीवन प्रदेश सरकार के लिए कोई महत्व नहीं रखता है. अगर परीक्षाएं स्थगित कर विद्यार्थियों को पदोन्नत नहीं किया जाता है तो एनएसयूआई जल्द बड़ा आंदोलन करेगी.