नई दिल्ली/गाजियाबाद: मोदीनगर निष्काम सेवक जत्थे द्वारा संगराद का मासिक दिन आने पर लंगर में तैयार सब्जी व प्रसाद के पैकेटों से वाहेगुरु का चिन्ह बना कर साहिब श्री गुरु नानक देव जी महाराज के द्वारा सैकड़ों वर्ष पूर्व सच्चे सौदे के रूप में 20 रुपये में शुरू किए लंगर का धन्यवाद किया गया.
निष्काम सेवक जत्थे के अध्यक्ष जसमीत सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि सिक्ख धर्म में लंगर प्रथा का विशेष महत्व है. इसी को लेकर आज तीसरे चरण के लाॅकडाउन के दसवें दिन के प्रथम पहर के लंगर में लंगर वाली उडद-चनें की दाल, रोटी तैयार की गई और आज संगराद का पवित्र दिन होनें के कारण निष्काम राहत रसोई में विशेष रूप से मीठे चावल भी तैयार कर मिष्ठान के प्रसाद के रूप में असहाय और मजबूर लोगों को भेजे गए. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि दूसरे पहर के लंगर में रात्रि के समय पुलाव के पैकेट तैयार कर मजबूर व असहाय लोगों तक भेजे गये. आज दिन और रात्रि दोनों समय का मिलाकर 3000 से ज्यादा पैकेट मोदीनगर में रह रहे जरूरतमंद लोगों तक लंगर रूप में पहुंचाए गए.
लंगर में खाने के पैकेट की बढ़ाई संख्या
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से अलग-अलग शहरों से हाईवे पर पैदल चलकर मोदीनगर से गुज़र रहे लोगों की संख्या में इजाफा हो गया है. जिसको देखकर निष्काम राहत रसोई के वाहनों में भी अतिरिक्त लंगर की व्यवस्था कर उन पैदल चल रहे लोगों की निरन्तर मदद की जा रही है.
आंधी तूफान में भी पहुंचाया जरूरतमंदों को खाना
आज संगराद के अवसर पर नायब तहसीलदार मोदीनगर कोमल पंवार ने भी निष्काम राहत रसोई में शिरकत की और निष्काम सेवक जत्थे की टीम की बेहद प्रशंसा की और आज शाम को अचानक से मौसम के बेहद खराब हो जाने के बावजूद अंधेरे में ही रात्रि का लंगर तैयार और पैक करके जरूरतमंद लोगों में पहुंचाने का काम सम्पूर्ण किया गया. संगराद के पवित्र पलों में निष्काम परिवार ने वाहेगुरु जी के आगे संयुक्त रूप से अरदास करते हुए पूरे विश्व को इस कोरोना रूपी महामारी से मुक्त करने की अपील भी की है.