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गाजियाबाद: निष्काम सेवा जत्था जरूरतमंदों को बांट रहा खाना, एहसास महिला समिति भी साथ - गाजियाबाग में लॉकडाउन

लॉकडाउन के बीच गाजियाबाद के मोदीनगर का निष्काम सेवा जत्था और एहसास महिला समिति जरूरमंदों की लगातार मदद कर रहे हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत ने दोनों ही संस्था के अध्यक्षों से खास बातचीत की.

Nishkam Seva jatha is distribute food to needy with ehsaas Mahila Samiti at modinagar in ghaziabad
निष्काम सेवा जत्था जरूरतमंदों को बांट रहा खाना
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Published : Apr 16, 2020, 3:04 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लॉकडाउन के दौरान जरूरमंदों के लिए हर कोई मदद का हाथ आगे बढ़ा रहा है. इसी बीच गाजियाबाद के मोदीनगर का निष्काम सेवा जत्था लाॅकडाउन के पहले दिन से लेकर आज तक लगातार गरीब मजदूर लोगों के घर-घर खाना पहुंचाकर उनका पेट भर रहा है. निष्काम सेवा जत्था में तकरीबन 60 से 70 लोगों की टीम काम करती हैं और वह रोजाना 2,500 लोगों को खाना खिलाते हैं. इस सेवा के बारे में विस्तार से जानने के लिए ईटीवी भारत ने निष्काम सेवा जत्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसमीत सिंह से खास बातचीत की.

निष्काम सेवा जत्था कर रहा जरूरतमंदों की मदद


जत्थे में जुड़े 60 से 70 लोग

निष्काम सेवा जत्थे के अध्यक्ष जसमीत सिंह ने बताया कि लाॅकडाउन के बाद से वह तकरीबन रोजाना 2,500 लोगों को घर-घर खाना पहुंचाते हैं. जिसके लिए जत्थे के 60 से 70 लोग काम करते हैं. मोदीनगर के 31 गांवों में उनके जत्थे से जुड़े लोग सेवा करने का काम कर रहे हैं.


रोटी बैंक भी बनाया

इसके साथ ही निष्काम सेवा जत्था को मोदीनगर की एहसास महिला समिति भी सहयोग करती है और जत्थे में रोटियों का प्रबंध करती है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने मोदीनगर एहसास महिला समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रीत कौर से खास बातचीत की.

ehsaas mahila samiti
एहसास महिला समिति ने बनाया रोटी बैंक

घरों से रोटी बनाकर लाती हैं महिलाएं

समिति की अध्यक्ष अनुप्रीत कौर ने बताया कि निष्काम सेवा जत्था को सहयोग करने के लिए उनकी समिति से जुड़ी हुई 20 से 25 महिलाएं घरों से रोटी बनाकर लाती हैं. ऐसा कदम उन्होंने इसलिए उठाया क्योंकि उन्होंने सोचा कि निष्काम सेवा संस्था से जुड़े लोग चावल और सब्जी तो बना लेते हैं, लेकिन उनको रोटियां बनाने में दिक्कत आती हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए एहसास रोटी बैंक बनाया गया जिसमें महिलाएं घरों पर रोटी बनाकर निष्काम सेवा जत्था को ला कर देती हैं, जिससे कि वह चावल के साथ रोटियों को भी वितरित कर सकें.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लॉकडाउन के दौरान जरूरमंदों के लिए हर कोई मदद का हाथ आगे बढ़ा रहा है. इसी बीच गाजियाबाद के मोदीनगर का निष्काम सेवा जत्था लाॅकडाउन के पहले दिन से लेकर आज तक लगातार गरीब मजदूर लोगों के घर-घर खाना पहुंचाकर उनका पेट भर रहा है. निष्काम सेवा जत्था में तकरीबन 60 से 70 लोगों की टीम काम करती हैं और वह रोजाना 2,500 लोगों को खाना खिलाते हैं. इस सेवा के बारे में विस्तार से जानने के लिए ईटीवी भारत ने निष्काम सेवा जत्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसमीत सिंह से खास बातचीत की.

निष्काम सेवा जत्था कर रहा जरूरतमंदों की मदद


जत्थे में जुड़े 60 से 70 लोग

निष्काम सेवा जत्थे के अध्यक्ष जसमीत सिंह ने बताया कि लाॅकडाउन के बाद से वह तकरीबन रोजाना 2,500 लोगों को घर-घर खाना पहुंचाते हैं. जिसके लिए जत्थे के 60 से 70 लोग काम करते हैं. मोदीनगर के 31 गांवों में उनके जत्थे से जुड़े लोग सेवा करने का काम कर रहे हैं.


रोटी बैंक भी बनाया

इसके साथ ही निष्काम सेवा जत्था को मोदीनगर की एहसास महिला समिति भी सहयोग करती है और जत्थे में रोटियों का प्रबंध करती है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने मोदीनगर एहसास महिला समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रीत कौर से खास बातचीत की.

ehsaas mahila samiti
एहसास महिला समिति ने बनाया रोटी बैंक

घरों से रोटी बनाकर लाती हैं महिलाएं

समिति की अध्यक्ष अनुप्रीत कौर ने बताया कि निष्काम सेवा जत्था को सहयोग करने के लिए उनकी समिति से जुड़ी हुई 20 से 25 महिलाएं घरों से रोटी बनाकर लाती हैं. ऐसा कदम उन्होंने इसलिए उठाया क्योंकि उन्होंने सोचा कि निष्काम सेवा संस्था से जुड़े लोग चावल और सब्जी तो बना लेते हैं, लेकिन उनको रोटियां बनाने में दिक्कत आती हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए एहसास रोटी बैंक बनाया गया जिसमें महिलाएं घरों पर रोटी बनाकर निष्काम सेवा जत्था को ला कर देती हैं, जिससे कि वह चावल के साथ रोटियों को भी वितरित कर सकें.

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