नई दिल्ली/गाजियाबाद: लॉकडाउन के दौरान जरूरमंदों के लिए हर कोई मदद का हाथ आगे बढ़ा रहा है. इसी बीच गाजियाबाद के मोदीनगर का निष्काम सेवा जत्था लाॅकडाउन के पहले दिन से लेकर आज तक लगातार गरीब मजदूर लोगों के घर-घर खाना पहुंचाकर उनका पेट भर रहा है. निष्काम सेवा जत्था में तकरीबन 60 से 70 लोगों की टीम काम करती हैं और वह रोजाना 2,500 लोगों को खाना खिलाते हैं. इस सेवा के बारे में विस्तार से जानने के लिए ईटीवी भारत ने निष्काम सेवा जत्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसमीत सिंह से खास बातचीत की.
जत्थे में जुड़े 60 से 70 लोग
निष्काम सेवा जत्थे के अध्यक्ष जसमीत सिंह ने बताया कि लाॅकडाउन के बाद से वह तकरीबन रोजाना 2,500 लोगों को घर-घर खाना पहुंचाते हैं. जिसके लिए जत्थे के 60 से 70 लोग काम करते हैं. मोदीनगर के 31 गांवों में उनके जत्थे से जुड़े लोग सेवा करने का काम कर रहे हैं.
रोटी बैंक भी बनाया
इसके साथ ही निष्काम सेवा जत्था को मोदीनगर की एहसास महिला समिति भी सहयोग करती है और जत्थे में रोटियों का प्रबंध करती है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने मोदीनगर एहसास महिला समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रीत कौर से खास बातचीत की.
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घरों से रोटी बनाकर लाती हैं महिलाएं
समिति की अध्यक्ष अनुप्रीत कौर ने बताया कि निष्काम सेवा जत्था को सहयोग करने के लिए उनकी समिति से जुड़ी हुई 20 से 25 महिलाएं घरों से रोटी बनाकर लाती हैं. ऐसा कदम उन्होंने इसलिए उठाया क्योंकि उन्होंने सोचा कि निष्काम सेवा संस्था से जुड़े लोग चावल और सब्जी तो बना लेते हैं, लेकिन उनको रोटियां बनाने में दिक्कत आती हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए एहसास रोटी बैंक बनाया गया जिसमें महिलाएं घरों पर रोटी बनाकर निष्काम सेवा जत्था को ला कर देती हैं, जिससे कि वह चावल के साथ रोटियों को भी वितरित कर सकें.