नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के अस्पताल ना सिर्फ मरीजों का शोषण कर रहे हैं, बल्कि पर्यावरण को भी दूषित कर रहे हैं. सीपीसी के वैज्ञानिक और यूपीपीसीबी के क्षेत्राधिकारी और अनुशासन समिति के सचिव राजेंद्र सिंह ने जिले के 7 अस्पतालों का निरीक्षण किया था.
निरीक्षण के दौरान इन अस्पतालों में जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन खराब स्थिति में पाया गया था. साथ ही जांच समिति ने जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन को भी खराब स्थिति में पाया.
रिपोर्ट एनजीटी को भेजी
इसी कड़ी में अनुश्रवण समिति के चेयरमैन डी पी सिंह ने सीपीसीबी की रिपोर्ट एवं इसके बारे में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार रिपोर्ट एनजीटी को भेजी थी.
जिसमें समिति ने जिले के 3 सरकारी एवं 4 प्राइवेट अस्पताल पर जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी.
इन अस्पतालों पर लगा जुर्माना
- जिला एमएमजी अस्पताल : 1 करोड़ 33 लाख 80 हज़ार
- संयुक्त जिला चिकित्सालय : 1 करोड़ 33 लाख 80 हजार
- जिला महिला अस्पताल : 1 करोड़ 33 लाख 80 हजार
- संतोष मेडिकल कॉलेज व अस्पताल : एक करोड़ 33 लाख 80 हजार
- वर्धमान अस्पताल एवं हृदय संस्थान : 61 लाख 5 हजार
- भुविका मेडिकल लोहिया नगर : 70 लाख 35 हजार
- नरेंद्र मोहन अस्पताल : एक करोड़ 33 लाख 95 हजार