नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में रविवार को हिंदू धर्म के एक अनाथ व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर उसका अंतिम संस्कार किया है, जोकि हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए एक मिसाल है.
मुस्लिम समुदाय ने पेश की मिसाल
गाजियाबाद का मुरादनगर कस्बा हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए जाना जाता है. जहां सभी धर्मों के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं. इसीलिए मुरादनगर के इतिहास में आज तक हिंदू-मुस्लिम के बीच किसी भी तरीके का गतिरोध नहीं हुआ है. मुरादनगर में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की एक और मिसाल देखने को मिली है. जहां हिंदू धर्म के एक अनाथ मृतक व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उसका अंतिम संस्कार किया है.
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंदू मृतक के शव का किया अंतिम संस्कार
सभासद जुनैद चौधरी ने ईटीवी भारत को बताया कि मृतक भगवान दास उर्फ कल्लू मुरादनगर के चुंगी नंबर 3 पर तकरीबन 15 साल से रह रहे थे. जिनका कोई भी सहारा नहीं था. भगवान दास पिछले 2 से 3 दिन से बीमार चल रहे थे. जिनकी रविवार को मृत्यु हो गई थी.
पोस्टमार्टम हाउस से बॉडी आने के बाद सभी लोग मिलकर इनके रिश्तेदारों के पास गए तो उन्होंने बॉडी लेने से इनकार कर दिया. इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आपस में मिलकर उनका अंतिम संस्कार किया है.अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में खुर्जा से आए उनके दोस्त राहुल पंडित ने मदद की है. उनका कहना है कि मुरादनगर में हमेशा से ही हिंदू भाईचारा ऐसा ही रहा है.
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हिंदू दोस्त की मदद से अंतिम संस्कार की पूरी की प्रक्रिया
खुर्जा से आए राहुल पंडित ने ईटीवी भारत को बताया कि वह मुरादनगर में अपने मित्र से मिलने आए हुए थे. उनके दोस्त जुनैद ने बताया कि एक हिंदू धर्म के व्यक्ति की मृत्यु हो गई है. जिसका वह अंतिम संस्कार करना चाहते हैं. जिसके चलते उन्होंने अंतिम संस्कार की सारी व्यवस्था कराई और मुस्लिम धर्म के लोगों को सभी प्रक्रिया बताते हुए मृतक का अंतिम संस्कार कराया है. उनका कहना है कि मुरादनगर के मुस्लिम समुदाय ने वाकई में एक मिसाल कायम की है. यहां के लोग काफी मिलनसार हैं.